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अमरनाथ में शिव के जयकारों पर एनजीटी की रोक पर वीएचपी का कड़ा विरोध

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अमरनाथ यात्रा...

6 years ago
अमरनाथ में शिव के जयकारों पर एनजीटी की रोक पर वीएचपी का कड़ा विरोध

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अमरनाथ यात्रा के दौरान भक्तों द्वारा लगाए जाने वाले भगवान शिव के जयकारों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इसके पीछे एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और उनकी खंडपीठ के सदस्यों का कहना है कि पर्यावरण की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्र अमरनाथ के ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और यात्रा के दौरान लगाए जाने वाले जयकारों पर एक हद तक अंकुश लगाए जाने की जरुरत है।

इसके अलावा एनजीटी ने अमरनाथ गुफा क्षेत्र के आसपास के स्थानों को शांत घोषित करते हुए श्राइन बोर्ड को ये आदेश भी दिया है कि अमरनाथ में घंटियां नहीं बजनी चाहिए। एनजीटी ने यात्रा के दौरान आने वाले आखिरी चेक पोस्ट के बाद श्रद्धालुओं को मोबाइल फोन व् अन्य सामान न ले जाने के भी बोर्ड को निर्देश दिए है।

एनजीटी के इस फरमान पर विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है। विश्व हिन्दू परिषद ने इस निर्णय को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि सिर्फ हिन्दू हीं देश में हो रहे हर तरह के प्रदुषण के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसके साथ हीं वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया जी ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा है कि हिन्दू भावनाओं को आहत करना बंद किया जाए और एनजीटी के इस नए तुगलकी फरमान को तुरंत वापिस लिया जाए। 

वीएचपी के इस रुख के पीछे देश भर में अलग - अलग जगह पर पिछले कुछ सालों में लिए गए वो निर्णय हैं जिसके अंतर्गत ज्यादातर बार हिन्दू त्योहारों को पर्यावरण या दूसरे मुद्दे के अंतर्गत ला कर प्रतिबन्ध लगाए गए हैं। 

पिछले दिनों दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबन्ध हो या फिर मुंबई में दही हांड़ी के दौरान बच्चों के मानव पिरामिड बनाने पर लगी रोक हो। इन सभी निर्णयों में कहीं ना कहीं सिर्फ हिन्दू धर्म को फोकस किया गया है जिसका वीएचपी नेताओ ने विरोध किया है।

वही एनजीटी ने अपने निर्णय के पीछे के ठोस कारणों को गिनाते हुए यह भी कहा है कि अमरनाथ में ज्यादा ध्वनि के कारण लैंड स्लाइड का खतरा है, यह पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा दोनों ही दृष्टिकोण से बड़ा संवेदनशील विषय हो जाता है। ऐसे में यहाँ शोर-शराबे पर नियंत्रण जरुरी है।

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