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पीएम मोदी की मेहनत हुई सफल, अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों का स्वर्ग घोषित किया

आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने वा

6 years ago
पीएम मोदी की मेहनत हुई सफल, अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों का स्वर्ग घोषित किया

आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने वाले देशों की सूची में अमेरिका ने 19 जुलाई बुधवार को पाकिस्तान को भी शामिल किया है। साथ ही कहा है कि "लश्कर ए तैयबा" और "जैश-ए-मोहम्मद" जैसे आतंकवादी संगठनों ने देश के अंदर 2016 में संचालित होना, संगठित होना, प्रशिक्षण देना और धन जुटाना जारी रखा। अमेरिकी कांग्रेस को विदेश विभाग ने सौंपी अपनी सालाना "कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म" रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के अंदर हमले करने वाले तहरीक ए पाकिस्तान जैसे संगठनों के खिलाफ हमले किए।

रिपोर्ट के मुताबिक

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘पाकिस्तान ने अफगान तालिबान या हक्कानी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की, ना ही अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के लिए खतरा पेश करने वाली उनकी क्षमता सीमित की. हालांकि, पाकिस्तान ने अफगान नीत शांति प्रक्रिया में दोनों संगठनों को लाने की कोशिशों का समर्थन किया।’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, 'पाकिस्तान ने दूसरे देशों को निशाना बनाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के खिलाफ 2016 में उपयुक्त कार्रवाई नहीं की। इन संगठनों ने पाकिस्तान में संचालित होना, प्रशिक्षण देना, संगठित होना और धन जुटाना जारी रखा है।' इसने कहा कि भारत पर हमले जारी है इस हमलो में माओवादियों और पाक आधारित आतंकवादियों के हमले शामिल हैं और कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमा पार से होने वाले हमलों के लिए भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान को उत्तरदायी ठहराना जारी रखा है।

विदेश विभाग ने कहा कि पंजाब के पठानकोट में जनवरी 2016 में एक आतंकी हमला हुआ था। जिसके लिए जैश-ए-मोहम्मद को जवाबदेह ठहराया गया था। इसके उपरान्त आतंकवाद के विरुद्ध भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने और अमेरिका के साथ सूचना साझा करने की अपील की थी।

भारत सरकार ने शुरू की आतंकवादियों के खिलाफ निगरानी

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सरकार ने आईएसआईएस और अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (एक्यूआईएस) जैसे आतंकी संगठनों से उत्पन्न होने वाले खतरों पर नजदीकी निगरानी जारी रखी है। भारत के भीतर हमले की साजिश बनाने वालों के खिलाफ और आईएसआईएस से जुड़ी भर्तियों को लेकर कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं।

वहीं, एक अलग अध्याय में विदेश विभाग ने पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाहों की सूची में शामिल किया है। विदेश विभाग ने कहा है कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद सहित कई आतंकी संगठनों ने 2016 में पाकिस्तानी सरजमीं से संचालित होना जारी रखा।

इसमें यह भी कहा है कि हालांकि लश्कर ए तैयबा पाकिस्तान में सीमित है, लेकिन लश्कर की शाखा जमात उद दावा और फलह ए इंसानियत फाउंडेशन खुल कर धन इकक्ठा कर रहे हैं। इसने इस बात का जिक्र किया है कि लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद का विशाल रैलियों को संबोधित करना शुरू रखा है। उसने फरवरी 2017 में भी रैलियों को संबोधित किया।

सूडान और सीरिया सहित अब ईरान भी शामिल लिस्ट में 

19 जुलाई बुधवार को अमेरिका ने कहा कि सूडान और सीरिया  सहित अब ईरान भी दुनिया में आतंकवाद के शीर्ष प्रायोजकों देशों में शामिल है। पिछले कई दशकों से ये तीनों देश अमेरिका की इससे जुड़ी सूची में शामिल हैं। 1984 में ईरान को आतंकवाद के प्रायोजक देश की संज्ञा दी गयी थी, जबकि 1993 में सूडान को यह उपाधि मिली थी। वहीं सीरिया को 1979 में यह संज्ञा दी गयी थी। 

कांग्रेस को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा सौंपी गयी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि बशर अल असद सरकार ने सीरिया की सीरियाई संकट के छठे साल में प्रवेश करने के साथ क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कई आतंकी समूहों को राजनीतिक एवं सैन्य सहायता देना जारी रखा है।    

रिपोर्ट में कहा गया कि आतंकवादियों से संबंधित अपनी गतिविधि को ईरान ने 2016 में भी जारी रखा। उसमें हिज्बुल्ला, गाजा में फलस्तीनी आतंकी समूहों और सीरिया, इराक एवं पूरे पश्चिम एशिया में कई समूहों की सहायता करना शामिल है।

ईरान पर आरोप लगाया कि ईरान ने विदेश नीति के लक्ष्यों को लागू करने, पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा करने के लिए इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर-कोड्स फोर्स आईआरजीसी-क्यूएफ का उपयोग किया।

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