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हिन्दू-मुस्लिम एकता - श्री कृष्ण मंदिर में नमाज पढ़ी फिर खोला रोजा

ईद के मौके पर बेंगलुरू में संप्रत्ययिकता की एक ऐ

6 years ago
हिन्दू-मुस्लिम एकता - श्री कृष्ण मंदिर में नमाज पढ़ी फिर खोला रोजा

ईद के मौके पर बेंगलुरू में संप्रत्ययिकता की एक ऐसी मिसाल देखने को मिली है। जिसे देख हर सच्चे हिंदुस्तानी का सिर गर्व से ऊँचा हो जायेगा। वही जाति-धर्म की राजनीती करने वाले लोगों को एक सबक भी दे जायेगा। 

दरअसल, कल ईद के अवसर पर मुस्लिम समुदाय ने एक अनोखे अंदाज में पहली बार रोजा खोला। उन्होंने बेंगलुरू के प्राचीन उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर परिसर रोजा खोला और एक सद्भावना भोज में शामिल हुए। भारत के इसिहास में यह पहला मौका था, जब यह दृश्य देखने को मिला है।

मठ के प्रमुख श्री विश्वेशा तीर्थ स्वामीजी ने बताया

Source = Jansatta

मंदिर परिसर के ठीक बाहर स्थित भोजनालय में सौहार्द उपहार कूट (सद्भभावना भोज) का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 150 मुस्लिमों ने हिस्सा लिया तथा रोजा खोलने के बाद इन लोगों ने नमाज भी पढ़ी। यह जानकारी पेजावर मठ के प्रमुख श्री विश्वेशा तीर्थ स्वामीजी द्वारा दी गई।   

मीडिया से उडुपी से फोन पर बात करते हुए स्वामीजी ने कहा कि "हमारे मंदिर के इतिहास में पहली बार मुस्लिम भाइयों ने मंदिर परिसर के भोज कक्ष में रोजा खोला और नमाज पढ़ी. हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच शांति तथा समरसता पर जोर देते हुए विश्व हिंदू परिषद से जुड़े स्वामीजी ने कहा कि इस समारोह के आयोजन के पीछे उनका मुख्य मकसद सभी धर्मो के लोगों के बीच शांति और सद्भावना कायम करना था."

स्वामीजी ने आगे बताया कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने केवल एक छोटी सी सेवा की है। लोग ही इसे इतना बड़ा कर बता रहे है। उन्होंने आगे बताया कि उडुपी में हिंदुओं और मुस्लिमों के आपस में सद्भाव से रहने का लंबा इतिहास रहा है, जो हमेशा कायम रहेगा। स्वामीजी ने बताया कि उन्होंने स्वयं मुस्लिम भाइयों को खजूर पेश किए और मंदिर के पुजारियों ने उन्हें केले, काजू, सेब और तरबूज परोसे।

महंत और इमाम दोनों हुए शामिल

Source = Jansatta

ईद के अवसर पर मंदिर में हुई इस इफ्तार दावत पर विश्व हिंदू परिषद् (3.2-1) के एक महंत भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि "हर धर्म के मनुष्यों को एक साथ मिलकर सद्भाव से रहना चाहिए, मुझे हमेशा मुसलमानों का प्यार और साथ मिला है। महंत ने कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों के लोगों से भी खास अपील की कि हम सब एक ही के संतान हैं, हम सबको मिलकर रहना चाहिए।" 

उडुपी मंदिर में अंजुमन मस्जिद के इमाम मौलाना इनायतुल्लाह भी शामिल हुए। उन्होंने मंदिर के दूसरे तल पर रोजदारों को नमाज अता करवाई और उनका रोजा खुलवाया।

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