v घोटालेबाज केजरीवाल सरकार: एक ही दिन में पकड़ाए करोड़ों के दो घोटाले | Stillunfold

घोटालेबाज केजरीवाल सरकार: एक ही दिन में पकड़ाए करोड़ों के दो घोटाले

दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार में हुए पीडब्ल

5 years ago
घोटालेबाज केजरीवाल सरकार: एक ही दिन में पकड़ाए करोड़ों के दो घोटाले

दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार में हुए पीडब्लूडी घोटाले को लेकर आज एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सीएम केजरीवाल के साडू सुरेंद्र बंसल के बेटे विनय बंसल को गिरफ्ताल कर लिया है। 'रेणु बंसल' कंपनी के मुख्य कर्ताधर्ता सुरेंद्र बंसल का निधन हो चूका है और विनय अपने पिता के साथ कंपनी में पार्टनर थे। इसलिए विनय को गिरफ्तार किया गया है।

पीडब्लूडी घोटाले में करीब 10 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप है। इस केस की छानबीन साल 2017 से चल रही थी। जिसके तहत 8 मई 2017 को ACB ने एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें बताया गया कि रेणु कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर सुरेंद्र बंसल ने 4 लाख 90 हजार की अनुमानित रकम से 46% नीचे पर टेंडर लिया था। इसके अलावा शिकायत में प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठाये गए थे।

जिसके बाद जाँच में किसी महादेव इम्पेक्ट्स कम्पनी से सीमेंट और लोहा खरीदने की पता चला। जब इसके बारे में जानकारी निकली तो सामने आया कि इस नाम की कोई कंपनी अस्तित्व में है ही नहीं।

विनय क्यों हुआ गिरफ्तार?

दरअसल, विनय बंसल अपने पिता की कंपनी रेणु कंस्ट्रक्शन के साथ 50% के पार्टनर थे। एसीबी ने जब विनय से महादेव इम्पेक्ट्स कम्पनी के बारे में जानने की कोशिश की तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसी आधार पर उसे आज गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में एसीबी ने पिछले साल 9 मई को तीन एफआईआर दर्ज की थी। इसमें से एक एफआईआर दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल के साडू सुरेंद्र बंसल की कंपनी के खिलाफ भी दर्ज हुई थी। प्राथमिकी, रेणु कंस्ट्रक्शन (बंसल, कमल सिंह और पवन कुमार की स्वामित्व वाली) सहित तीन कंपनी के खिलाफ दर्ज की गयी थी।

श्रम विभाग में भी 139 करोड़ का घोटाला

दिल्ली सरकार का एक घोटाला सामने आया है। जिसमें श्रम मंत्रालय के अधीन कंस्ट्रक्शन बोर्ड पर करीब 139 करोड़ का भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। यह विभाग केजरीवाल सरकार के मंत्री गोपाल राय संभाल रहे है। शिकायतकर्ता लेबर यूनियन के अध्यक्ष सुखवीर शर्मा का आरोप है कि कागजों पर मजदुर दिखाकर ऐसे लोगों को पैसा दिया जा रहा है जो मजदुर नहीं है बल्कि नौकरीपेशा लोग है। इसका मतलब यह है कि वो लोग कंस्ट्रक्शन बोर्ड के अधीन आते ही नहीं है। ऐसे लोगों को मजदुर बताकर शिक्षा और अंतिम संस्कार के नाम पर 50 हजार से 1 लाख रुपये तक दिए गए है।

सुखवीर शर्मा के मुताबिक उन्होंने एक माह पहले एंटी करप्शन ब्रांच को इसकी शिकायत की थी। इसके बाद दस्तावेजों की जांच और पूछताछ के बाद एंटी करप्शन ब्रांच ने आईपीसी की धारा 420, 467, 471, 120 बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।

Source = News18

मीडिया को सुखवीर शर्मा ने बताया कि ''दिल्ली सरकार ने कंस्ट्रक्शन बोर्ड में बड़े पैमाने पर अपने लोगों को भर लिया और फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उन्हें फायदा पहुंचाया गया। ऐसे लोगों को लाखों रुपए दिए गए जो मजदूर थे ही नहीं।''

उन्होंने आगे कहा कि “आम आदमी पार्टी की सरकार ने मजदूरों के हक के पैसे को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओ में बांट दिए। जिसकी वजह से बोर्ड को 139 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.”

Source = Sth.india

एसीबी चीफ अरविंद दीप ने बताया कि 'एसीबी को चार हफ्ते पहले घोटाले को लेकर एक शिकायत मिली थी। जिसकी जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच के लिए 6 लोगों की एक टीम बनाई गई है, जो रोजाना जांच की प्रगति के बारे में जानकारी देंगे। अभी तक हमने 6 ऐसे लोगों के बयान लिए हैं जिन्होंने मजदूर का प्रमाण पत्र बनाकर बोर्ड से पैसे लिए हैं।’ एसीबी चीफ ने कहा कि जांच में ये सब किसी और पेशे के निकले। उनमें से कोई बुटीक मालिक है तो कोई फैक्ट्री मालिक। फिलहाल मामले की विस्तार में जांच की जा रही है।

Comment