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अमेरिकी वैज्ञानिकों की मुहर, सदियों पुरानी भारतीय धरोहर रामसेतु काल्पनिक नहीं अद्भुत

रामसेतु हमेशा से ही भारतीय पुरातन सभ्यता और धर्म...

6 years ago
अमेरिकी वैज्ञानिकों की मुहर, सदियों पुरानी भारतीय धरोहर रामसेतु काल्पनिक नहीं अद्भुत

रामसेतु हमेशा से ही भारतीय पुरातन सभ्यता और धर्मिक आस्था का एक केंद्र बिंदु रहा है। इसकी चर्चा वाल्मीकि रामायण से लेकर तुलसीदास रचित राम चरितमानस के हर कालखंड में होती आई है। 1980 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित रामानंद सागर निर्देशित रामायण नामक सीरियल में हमने इस रामसेतु से जुडी कथा का जीवंत मंचन भी देखा है। 

परन्तु हमेशा से ही हमारे देश और विदेशों में भी एक वर्ग इन कथाओं को झुठला कर रामसेतु को कोरी कल्पना बताता जा रहा था। इस वर्ग को अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रामसेतु के होने पर मुहर लगा कर करारा जवाब दिया है। 

अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार यह सेतु भारत और श्रीलंका के बीच मौजूद है। इसे पहले से ही दुनिया ‘एडम्स ब्रिज’ के नाम से जानती है और वैज्ञानिकों के स्पष्टीकरण के बाद इसमे कोई शक नहीं रह गया है कि एडम्स ब्रिज कहा जाने वाला वो सेतु ही भारतीय जनमानस की आस्था से जुड़ा श्री राम चंद्र की आज्ञा से बानर सेना द्वारा निर्मित रामसेतु है। 

अमेरिका के पुरातत्वविदों ने विज्ञान चैनल डिस्कवरी के एक शो के दौरान रामसेतु से जुडी इस नई खोज को उद्धृत किया। रामसेतु पर चर्चा का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को अभी तक 23 लाख से ज्यादा बार देखा जा चूका है। इस वीडियो में सैटेलाइट की मदद से दिखाई जा रही रामसेतु की तस्वीर नज़र आ रही है।

अमेरिका पुरातत्वविदों की अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक रामसेतु के संकेत भारत और श्रीलंका के बीच मिलते है। सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों के अध्ययन के बाद यह कहा जा सकता है कि भारत और श्रीलंका के बीच में यह रामसेतु पूरी तरह से प्राकृतिक 30 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस सेतु में जिन पत्थर का उपयोग किया गया है वह पत्थर कही ओर से लाए हुए प्रतीत होते है। यह पुल सात हज़ार वर्ष पुराना है। जबकि इस पुल में जो पत्थर मौजूद है, वो चार से पांच हज़ार वर्ष पुराने है।

हिन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथ रामायण में बताया गया है कि भगवान श्री राम चंद्र जी ने रावण द्वारा बंदी बनाई गई माता सीता की खोज करते समय रामसेतु का निर्माण करवाया था। यह सेतु भारत के दक्षिण पूर्व रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच चट्टानों की एक चेन है। समुद्र में इन सभी चट्टानों की गहराई 3 से लेकर 30 फुट के बीच की है। रामसेतु की लम्बाई 48 किलोमीटर है। यह रामसेतु (5.1-7) उत्तर में बंगाल की खाड़ी को दक्षिण में शांत और स्वच्छ पानी वाली मन्नार की खाड़ी से अलग करता है। 

वैज्ञानिकों ने रामसेतु का अध्ययन करने के बाद इन बातों को उद्धृत किया है -

  1. रामसेतु कल्पित कथा नहीं है। 
  2. हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थ वालकिनी रामायण में इस सेतु की चर्चा की गई है। इस सेतु का निर्माण भगवान श्री राम चंद्र की आज्ञा से हुआ था । 
  3. यह सेतु दक्षिण भारत और उत्तरी श्रीलंका के बीच निर्मित है। इस सेतु में विद्यमान चट्टानें करीब सात हज़ार वर्ष पुरानी है। 
  4. यह सेतु स्वनिर्मित नहीं है। इस सेतु का निर्माण इंसानों द्वारा किया गया है। 
  5. रामसेतु में मौजूद पत्थर अलग और बहुत ही प्राचीन है। 
  6. सेतु के पत्थरों की उम्र बलुई धरातल से भी कहीं ज्यादा पुरानी है। 
  7. रामसेतु पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक ऐलन लेस्टर ने कहा है की सेतु पर मौजूद ये पत्थर कहीं और से लाए गए होंगे । 

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