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World Happiness Report 2018: खुशहाल देशों की सूची में भारत पाकिस्तान से भी पीछे

खुश रहना कौन नहीं चाहता है। दुनिया का हर इंसान अप

6 years ago
World Happiness Report 2018: खुशहाल देशों की सूची में भारत पाकिस्तान से भी पीछे

खुश रहना कौन नहीं चाहता है। दुनिया का हर इंसान अपनी और अपने परिवार की ख़ुशी के लिए पूरी जिंदगी मेहनत करता है। एक समय था जब हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था। दुनिया के समृद्ध देशों में से एक हुआ करता था और यहाँ के लोग खुशहाली के साथ अपना जीवन व्यतीत किया करते थे। पर अब वो बात नहीं रह गई है। परिस्थितियां बदल गई हैं।

यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक़, सबसे ज्यादा खुशहाल राष्ट्रों की विश्व रैंकिंग में हमारा भारत 133वें नंबर पर पहुँच गया है। वहीं अगर बात इस्लामिक कट्टरपंथ और आतंकवाद से परेशान पड़ोसी देश पाकिस्तान की करें तो वो भारत से कहीं बेहतर पोजीशन पर अवस्थित है।

दक्षिण एशियाई समूह सार्क के आठ देशों में से पाकिस्तान जहाँ 75वें स्थान पर, भूटान 97वें, नेपाल 101वें, बांग्लादेश 115वें, तथा श्रीलंका 116वें स्थान पर है। इस बार इस सूची में नार्वे ने डेनमार्क को पछाड़ते हुए दुनिया का सर्वाधिक खुशहाल देश होने का रुतबा हासिल किया है।

आखिरकार भारत इस सूची में किस कारण से इतना पिछड़ रहा है ! वो कौन से कारण है जिसकी वजह से भारत की रैंकिंग इस सूची में हर साल गिरती जा रही है। आज इस लेख में हम हमारी नाखुशी का कारणों को जानने को कोशिश करेंगे। पढ़ें World Happiness Report 2018.

क्या हैं वो कारण जिसकी वजह से भारतीय नहीं है खुश

Source = Bhaskar

जिस खुशहाली की सूची में भारत पिछड़ रहा है दरअसल उसे प्रसन्नता कहना ज्यादा बेहतर होगा। खुशहाली जहां समूह को दर्शाती है वहीं प्रसन्नता एक व्यक्तिगत अनुभव होता है।

वैसे खुशहाली मापने वाली ये संस्था 6 पैमानों पर इसके आंकड़े निकालती है:

  • प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय
  • स्वस्थ जीवन की प्रत्याशा
  • स्वतंत्रता
  • उदारता
  • संकटकाल में इष्ट-मित्रों से मदद का भरोसा
  • सरकारी तंत्र या फिर व्यापार में भ्रष्टाचार की स्थिति से पैदा होने वाला विश्वास।

प्रसन्नता को नापने की इस प्रक्रिया की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने साल 2012 में किया था और हर साल इसके नए आंकड़े आते है और इसमें देशों की स्थिति बदलती भी रहती है। हमारी जीडीपी पाकिस्तान की जीडीपी से लगभग 10 गुना ज्यादा है और आबादी भी उनसे हमारी 6 गुना ज्यादा है। जहाँ हमारे देश में 70 साल से लोकतंत्र कामयाब रहा है वहीं पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में 32 साल तक सेना का शासन रहा है। फिर आखिर पाकिस्तान जैसे देश इस सूची में हमारे देश से आगे कैसे हैं ! इस सवाल के जवाब के लिए कुछ आंकड़ों पे नजर डालना जरूरी है।

वैश्विक खुशहाली की इस सूची में को बनाने के लिए जिन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है उसके अनुसार प्रसन्नता को मुख्यतः सामाजिक तथा व्यक्तिगत अहसास के तौर पर देखा जाता है। जहाँ गरीब देशों में अमीर गरीब के बीच की खाई ज्यादा बड़ी होती है वहीं अमीर देशों में ये फर्क उतना ज्यादा नहीं होता है। इसी कारण से गरीब देशों में प्रसन्नता कम देखने को मिलती है।

विश्व सम्पदा सूचकांग जो विश्व के संपत्तियों का ब्यौरा रखती है के मुताबिक़ साल 2001 में भारत के संपन्न वर्ग के पार देश की 37% संपत्ति थी, साल 2005 में ये 42%, 2010 में 52% और 2016 में ये आंकड़ा बढ़ कर 58.5% हो गई। इन आंकड़ों से पता चलता है की देश का बहुत बड़ा वर्ग खुशहाल नहीं है क्योंकि एक छोटे वर्ग के लोग देश की आधी संपत्ति पर कब्जा जमा चुके हैं और ये कब्जा बढ़ता हीं जा रहा है।

तो हम कह सकते हैं की अमीर और गरीब के बीच बड़ी होती ये खाई हीं मुख्य कारण है जिसकी वजह से भारत एक खुशहाल देश नहीं हैं। भारत में खुशहाली बस कुछ लोगों के पास है और वो हर रोज और ज्यादा धनी होते जा रहे हैं। परंदु दूसरी तरफ गरीब जो प्रसन्न नहीं हैं वो और ज्यादा गरीब होते जा रहे हैं।

Source = Rvcj
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