इस एक सप्ताह में दो ऐसी तस्वीरें देखने को मिली। जिसने महिला शक्ति के मायने ही बदल कर रख दिए। एक तरफ जहां कश्मीर में CRPF के जवानो पर स्कूल की छात्राओं द्वारा पत्थरबाजी की तस्वीरें सामने आ रही है, तो वही दूसरी तरफ मणिपुर की छात्राओं ने इसका मुहतोड़ जावद देते हुए नारी शक्ति की एक अनूठी मिसाल कायम की है। आप भी गौर करें इन दोनों तस्वीरों पर और सोंचे भारत का भविष्य कैसा होना चाहिए।
कश्मीर में पत्थरबाजी करने को लेकर हमें हर रोज कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता है। लेकिन इस बार जो खबर मिली वो वाकई चौकाने वाली थी। अब कश्मीर में लड़किया भी पत्थरबाजी करने पर उतर आई हैं। यह मामला श्रीनगर का है, जहां स्कूली लड़कियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंके।
सोमवार के दिन जब हफ्ते भर की बंदी के बाद कश्मीर घाटी के स्कूल और कॉलेज दोबारा खुले तो सड़कों पर एक अलग ही तरह का नजारा देखने को मिला। श्रीनगर के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ छात्राओं की झड़पें हुईं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबरों के मुताबित, सोमवार को सेना पर पत्थरबाजी करने वाली लड़कियों में से कुछ लड़किया फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं। जब इन लड़कियों को पकड़कर एक लड़की को पुलिस ने थप्पड़ मारा तो उसने कहा कि;
'मैंने भी पत्थर फेंके थे.' उसने कहा, 'आर्मी, सीआरपीएफ और पुलिस से नाराज हूं मैं. मैंने वह वीडियो देखा जिसमें सीआरपीएफ एक महिला को पीट रही थी. मैं उन पर पत्थरबाजी करने के लिए तैयार हूं.'
भले ही श्रीनगर की लड़कियां किसी के बहकावे में आकर सीआरपीएफ (3.1-9) पर पत्थर बरसा रही हो, लेकिन दूसरी जगह लड़कियों ने महिला शक्ति का प्रयोग कुछ अच्छा करने के लिए किया है।
यह बात से सभी लोग भलीभांति परिचित है कि पहाड़ी इलाकों में ड्राइविंग करना या सफर करना कितना मुश्किल होता है। ऐसी जगहों पर हमेशा ही जान का खतरा बना रहता है, क्योंकि डर रहता है कि कहीं आप खाई में ना चले जाएं।
ओर तो ओर यदि ऐसी जगह बारिश हुई हो और पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है तो खतरे की संभावना ओर भी अधिक हो जाती है। किन्तु मणिपुर की कुछ लड़कियों ने इस खतरे से डरने के बजाय इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ फोटोज़ काफी वायरल हो रही हैं, इस फोटो में कुछ स्कूली लड़कियां अपनी बस को खींचती हुई दिख रही है। दरहसल मामला यह है कि ये लड़कियां एक स्टडी ट्रीप पर यहां गई थी, किन्तु उनकी बस कीचड़ में फंस गई। तभी सभी लड़कियों ने एकता का प्रदर्शन किया और बस को अपने दम पर ही कीचड़ से बाहर निकाल दिया।