जैसलमेर के इन स्थानों की यात्रा कर खूबसूरत जगह का आनंद उठाएं

वैसे आप सभी को राजस्थान की खूबसूरती के बारे पता ही होगा। यहाँ का सबसे खूबसूरत स्थान जैसलमेर है।

7 years ago
जैसलमेर के इन स्थानों की यात्रा कर खूबसूरत जगह का आनंद उठाएं

वैसे आप सभी को राजस्थान की खूबसूरती के बारे पता ही होगा। यहाँ का सबसे खूबसूरत स्थान जैसलमेर है। यदि आप तनाव से मुक्त होने के लिए छुट्टियों में घूमने का प्रोग्राम बना रहे है तो इस ऐतिहासिक स्थान जैसलमेर के बारे में सोच सकते है। यहाँ ऊँट की सवारी करने से आपका मन प्रसन्ता से प्रफ़ुलित हो जायेगा।


बड़ा बाग


इसका मतलब है "विशाल गार्डन" और स्मारक जगह, जो महारावल जैत सिंह के शाही परिवार के रईसों के बनाया गया है।


जैसलमेर का किला


यह किला जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है और यह शहर के बीचों बीच में स्थित है। इसे 'सोनार किला' या 'स्वर्ण किले' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसे 1156 ई. में एक भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किया गया था।


रेत के टीले


ऊंट की पीठ की सवारी का आनंद लें और विशाल प्रसार रेत के टीलों का पता लगाएं।


गडसीसर झील


गडसीसर झील एक कृत्रिम पानी का जलाशय है। जिसे 14 वीं सदी के दौरान राजा महरवाल गडसी द्वारा निर्मित किया गया था। यह वर्षा के पानी की झील है जो उस अवधि के दौरान पानी का प्रधान स्रोत थी। झील के किनारे पर कई छोटे मंदिर स्थित हैं। पर्यटक झील पर कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं और शाम के समय नौका विहार का आनंद ले सकते है।


पटवों की हवेली


जैसलमेर के धनी व्यापारियों ने यहाँ अपनी महलनुमा हवेलियाँ बनवाई थी इन हवेलियों की दीवारों ,खिड़कियों, छज्जों में इतनी बारीक़ जालियों, नक्काशी और बेलबूटों का महीन और सुंदर काम किया गया है कि आँखें चोन्दीय जाती हैं। यह हवेलियाँ लगभग 300 साल पुरानी हैं इन्हें आज भी पर्यटकों के लिए संभाल के रखा गया है। इन हवेलियों में सबसे विशाल व भव्य हवेलियों में से एक है पटवों की हवेली। 1805 में बनी यह हवेली 7 छोटी हवेलियों का समूह है एंव यहाँ की सभी हवेलियों में सबसे प्राचीन है। सरकार द्वारा संरक्षित यह हवेली उस समय की शानो-शोकत भरी जीवनशैली की मिसाल है ।


जैन मंदिर


राजस्थान में अरावली पर्वत की घाटियों के मध्य चारों ओर जंगलों से घिरे रणकपुर में भगवान ऋषभदेव का चतुर्मुखी जैन मंदिर है। जंगलों से घिरे होने के कारण इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।


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