कश्मीरियों की सुरक्षा और सलाह के लिए CRPF ने शुरू की हेल्पलाइन 14411

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जम्मू-कश्मीर में एक नयी पहल शुरू की है। शुक्रवार से सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर में 'मददगार' नाम से एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू करने जा रही है। जिसके जरिये संकट के समय कश्मीरी लोगों की सहायता की जाएगी एवं लोगों के बीच सुरक्षा बलों के लिए विश्वास फिर से कायम किया जा सकेगा।  

क्या है मददगार?

सीआरपीएफ के उपनिरीक्षक एम. दिनाकरन ने बताया की 14411 हेल्प लाइन नंबर 24 घंटे काम करेगी। इस हेल्पलाइन के जरिये आपातकाल, चिकित्सा, मानव निर्मित व प्राकृतिक आपदाओं में जम्मू-कश्मीर के लोगों को सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी नागरिकों के लिए 'मददगार' एक सेवा का माध्यम है। यह संकट के अलावा करियर काउंसिलिंग में भी लोगो की मदद करेगी। यह सीआरपीएफ की खेलकूद गतिविधियों व अर्धसैनिक बलों में शामिल होने के लिए काउंसिलिंग करेगी।

जब 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ था, तभी से सीआरपीएफ आतंकवाद से मुकाबला कर लोगों की मदद कर रही है और उनकी हिफाजत के लिए हमेशा तैयार रहती है। लगभग सवा तीन लाख की तादाद वाली सीआरपीएएफ की 47वीं बटालियन जम्मू-कश्मीर में नियुक्त है, मतलब करीब 52 हजार जवान वहां हमेशा तैनात रहते है। इसके साथ ही सीआरपीएफ कश्मीर में आतंरिक सुरक्षा के लिए भी प्रमुख फोर्स है।


कश्मीर में लोगों की अक्सर शिकायत होती थी कि जब भी उनको सहायता की जरुरत होती है, तो वह ना तो सेना के पास जा पाते है और ना ही पुलिस के पास। इस समस्या को देखते हुए ही सीआरपीएफ ने यह हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। अब कोई भी परेशानी होने पर लोग इस हेल्पलाइन के जरिये अपनी बात सीआरपीएफ के टॉल फ्री नंबर पर किसी भी समय बता सकते है। लोगो की समस्या का पता चलते ही सीआरपीएफ तुरंत आपका काम शुरू कर देगी और लोगों की समस्या का समाधान भी जल्द से जल्द कर पायेगी।

सीआरपीएफ (3.1-9) ने बताया कि वह नशीली दवाओं के पीड़ितों की काउंसिलिंग भी करेगी। इसके अलावा पर्यटन संबंधी जरूरी सूचना विशेष कर वैष्णव देवी व अमरनाथ यात्रियों को देगी। यह महिला सुरक्षा के कॉल पर भी सहायता करेगी।  

जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन.वोहरा "मददगार" हेल्पलाइन का शुभारंभ करेंगे। सीआरपीएफ के मुताबिक यह पहल तभी सफल हो पायेगी। जब राज्य के विभिन्न विभाग सहायता के लिए सामने आएंगे, क्योंकि यह हेल्पलाइन राज्य और लोगों के बीच एक सेतु की तरह काम करने वाली है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने संभंधित विभागों को इस सम्बन्ध में पत्र भेज दिया है।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह प्रयास जरूर सफल होगा और लोगो में खोये विश्वास को फिर से कायम करेगा। इस मिशन के साथ ही सुरक्षाबलों की मानवीय छवि भी लोगों के सामने आएगी।  

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