"मिशनरीज ऑफ चैरिटीज" एक बड़ी संस्था है जिसे विदेशों से बहुत सारा धन मिलता है। अभी तक किसी भी केंद्र या राज्य की सरकार ने टेरेसा की इस चर्चित संस्था "मिशनरीज ऑफ चैरिटीज" में हो रही अनियमितता की जाँच करने की हिम्मत नहीं हो पायी थी और इसका बड़ा कारण था विदेश में बैठी लॉबी जो इसको शक्तिशाली बनाती थी।
बता दें की कई सालों से बहुत सारे हलकों में ईसाई मिशनरियों पर धर्मान्तरण करवाने के आरोप लगते रहे हैं पर पहले की कोई भी सरकार ने इन आरोपों पर कान देने की भी कोशिश नहीं की जांच की बात तो दूर हीं थी। पर अब जब मदर टेरेसा की बनाई मशहूर संस्था "मिशनरीज ऑफ चैरिटीज" पर बच्चों की तस्करी करने का आरोप सिद्ध हो चूका है तब इसके खिलाफ पहली बार केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार की टेढ़ी नजर इस संस्था पर पड़ गई है। बता दें की केंद्र सरकार की ओर से "मिशनरीज ऑफ चैरिटीज" की देश भर में स्थिति सभी शाखाओं के जाँच के ऑर्डर दे दिए गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब टेरेसा की संस्था के सभी शाखाओं की जाँच की जाएगी।
मोदी सरकार की केविनेट में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने देश के सभी राज्य सरकारों को इस बाबत निर्देश दे दिया है कि देश भर के 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' के अंतर्गत चल रहे बाल सुविधा गृहों की जल्द से जल्द जांच करवाई जाए। झारखंड में अवस्थित 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' से जुड़ी एक बच्चो की संस्था द्वारा बच्चों को कथित तौर पर बेच दिए जाने की घटना सामने आ जाने के बाद मेनका गांधी ने जांच का निर्देश जारी किया है।
बता दें की कुछ दिन पहले झारखंड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटीज के एक बालगृह से सैकड़ो बच्चे की तस्करी का मामला सामने आया था। इस मामले के अंतर्गत कई सालों से बालगृह की सिस्टर बच्चों को बेच दिया करती थी। इन आरोपों के सामने आने के बाद आरोपी सिस्टर सभी आरोपों को सच बताते हुए इसे क़ुबूल भी कर लिया है। इसके बाद हीं देश भर के बालगृह की जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है।