सुप्रीम कोर्ट की दो टूक - पत्थरबाजी को रोकें तब होगी पैलेट गन बैन

कश्मीर घाटी में सेना एवं सुरक्षा बलों द्वारा उग्र भीड़ पर पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम केंद्र सरकार को पैलेट गन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए कहने के लिए तैयार हैं, किन्तु हमें इस बात का भरोसा हो की कश्मीर में लोग शांति कायम करने की पहल करेंगे और आगे से पत्थरबाजी नहीं होगी।

कोर्ट ने याचिका दर्ज करने वाले लोगो से कहा कि यदि पत्थरबाजों की ओर से इस मामले में कोई सकारात्मक जवाब आता है, तब जाकर वह इस मुद्दे पर आगे फैसला लेगी। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि जब वहां सड़के बंद हैं और पत्थरबाजी हो रही है, तो इस मामले में चर्चा कैसे की जा सकती है। 9 मई को सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अगली सुनवाई करेगी।

अलगाववादियों से बात नहीं करेगा केंद्र

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि घाटी पर हिंसा को रुकवाएं साथ ही वहा के हालात ठीक करने के लिए सुझाव दे। वही केंद्र सरकार द्वारा कोर्ट को कहना है कि इस मुद्दे पर सिर्फ मान्य पार्टियां से ही बात करेगी, ना कि अलगाव-वादियों के खिलाफ।

आपको बता दे कि पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वो उग्र प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए जल्द ही एक सीक्रेट वेपन का इस्तेमाल शुरू करने वाली है और इसका इस्तेमाल पैलेट गन के पहले किया जायेगा। दरहसल केंद्र सरकार के अनुसार बदबूदार पानी, लेज़र डेज़लर और तेज़ आवाज़ करने वाली मशीनों का प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं होता है। जिसके चलते मजबूरी में आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ता है।


100 सुरक्षाकर्मी हुए थे घायल

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केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारा इरादा लोगों को मारने का नहीं है। किन्तु सवाल यह उठता है कि सुरक्षा बलों से क्या उम्मीद की जानी चाहिए जब नकाबपोश प्रदर्शनकारी हर तरफ से हमला करने लगे। 

उन्होने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन का इस्तेमाल तभी किया जाता है जब हिंसक भीड़ बिल्कुल नजदीक आ जाती है और वहां से जाने को तैयार नहीं होती। उनका कहना था कि हमारे सशस्त्र बल शरारती नहीं हैं किन्तु वहां कि स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को हुए उपचुनाव के दौरान भी करीब 100 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे।

कोर्ट ने पूछे याचिका कर्ताओ से सवाल

कश्मीर घाटी में लगातार पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं। जिसके चलते कई दफा जवानों के घायल होने की खबरे आती है। इसके बावजूद सेना के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाली पैलेट गन पर भी कई बार सवाल खड़े होते है। 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से पूछा था कि पैलेट गन के अलावा क्या ऑप्शन हो सकता है? इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ता को ये भी बताना था कि आखिर हालात सुधारने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है।


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