अखिलेश सरकार के सबसे करीबी और अपने आप को मुसलमानों का मसीहा बताने वाले आजम खान के बारे में आज हम आपके सामने कुछ ऐसे तथ्य रखने वाले है। जिन्हे जानकर आप ये सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि
क्या आजम खान सच में एक सच्चे मुस्लमान है?
दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि आज तक उत्तर प्रदेश तथा देश के हर नागरिक को यही लगता रहा है कि आजम खान हमेशा मुसलमानों की भलाई के बारे में ही सोचते है, लेकिन आज हम आपकी इस गलत-फहमी को दूर करने वाले है। जी न्यूज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में कुछ ऐसे खुलासे किये है, जिन्हे जानकर आपके पैरों तले जमीन खसक जाएगी।
जी हाँ, किसी ने नहीं सोचा था कि मुसलमानों का मसीहा ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन निकलेगा। आइये जानते है किया है पूरा मामला –
उत्तर प्रदेश के विधानसभा के अध्यक्ष आजम खान पर जमीन के घोटाले को लेकर कई आरोप सामने आये है। जी न्यूज़ द्वारा प्रसारित की गई एक रिपोर्ट्स के अनुसार आजम ने जोहर यूनिवर्सिटी (3.1-5) बनाने के लिए कब्रिस्तान की मिटटी का इस्तेमाल किया। आपको जानकारी के लिए बता दे कि मुस्लिमो में यदि कब्रिस्तान की मिटटी व्यक्ति के कपड़ो को छू भी ले तो उसे झट्कारे बिना वहां से वापिस नहीं आया जा सकता है, किन्तु आजम खान ने उसी मिटटी से यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी।
नियमो के अनुसार ऐसा नहीं किया जाता है, इस्लामी नियम इसे हराम मानता है। इसके बावजूद खुद को मुस्लिमो का भगवान बताने वाले आजम खान ने अपने फायदे के लिए इस कार्य को अंजाम दिया। आइये नजर डालते है आजम की गैरकानूनी हरकतों पर:-
जब आजम खान से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है; मोसिन रजान नकवी, कल्बे जवाद नकवी, एजाज़ अब्बास नकवी, जो कि आज के मीरज़ाफर और मीर सादिक है। वे नहीं चाहते है कि हमारे बच्चे और बच्चिया पढ़े। इन जमीनों पर तालीम के मंदिर बनाये गए है।
योगी सरकार द्वारा इस वफ्फ जमीन पर जाँच पड़ताल शुरू कर दी गयी है और सरकार का दावा है कि माफिया राज खत्म होगा और सबको इंसाफ मिलेगा।