अमेरिका ने भारत को आगाह करते हुए खुद पर होने वाले आतंकी हमले से सचेत रहने को कहा है। दरहसल, अमेरिका ने दावा किया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी भारत और अफगानिस्तान में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में है।
यह बात सीनेट की खुफिया सेनेट सिलेक्ट कमेटी के समक्ष सुनवाई के दौरान कही गयी है। अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर डैनियल कोट्स ने बताया कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को खत्म नहीं कर पाया है। ये आतंकी संगठन एक ओर एशिया में अमेरिकी हित के लिए घातक बने हुए हैं तो दूसरी तरफ भारत और अफगानिस्तान में लगातार हमले की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा; "पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकियों पर शिकंजा कंसने में नाकाम रहा है. वहां स्थित आतंकी संगठन अमेरिका के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं और अब ये भारत और अफगानिस्तान पर भी हमला करने की फिराक में हैं"
डोनाल्ड ट्रंप (5.2-5) की सरकार ने भी भारत-पाक के बिगड़ते संबंधों को लेकर पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका द्वारा पाक को यह चेतावनी भी दी गयी है कि यदि इस साल सीमा पार से कोई बड़ा हमला होता है, तो इससे यह संबंध और बिगड़ सकते हैं।
"भारत विरोधी आतंकवादियों को मिलने वाले सहयोग को बंद करा पाने में पाकिस्तान की नकामयाबी और इस नीति के खिलाफ नई दिल्ली की बढ़ती असहिष्णुता, साथ ही सीमा पार से जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी जांच में कोई प्रगति नहीं होने के कारण 2016 से द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आने लगी थी"
डैनियल का यह भी कहना है कि पाकिस्तान न्यूक्लियर हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है और इंटेलिजेंस कम्युनिटी के अनुसार पाकिस्तान साल 2018 तक अफगानिस्तान की राजनीति और सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे के रूप से सामने आएगा। डैनियल ने आगे कहा;
"जब तक अफगानिस्तान तालिबान के साथ किसी तरह की शांति वार्ता स्थापित करने में कामयाब नहीं हो पाता है, तब तक वहां संघर्ष जारी रहेगा, इसके अलावा अफगानिस्तान को विदेशी मदद की भी जरूरत पड़ती ही रहेगी" डैनियल के अनुसार भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है और यह देखकर पाक काफी चिंतित है।
इसके अलावा भारत की दूसरे देशों तक पहुंच, दूसरे देशों से अच्छे संबंध, इसके अलावा अमेरिका और भारत के लगातार मजबूत हो रहे संबंध भी पाकिस्तान के बैचैन होने की एक वजह है। इसलिए इस बात की बहुत आशंका है कि पाक चीन का रुख कर सकता है और ऐसी स्थिति बन सकती है। जिससे हिंद महासागर में दखल बढ़ जाएगी।