चुनावी वादों से इतर बजट में गरीब, किसान और गांवों पर दिया गया ध्यान

वित्त वर्ष 2018-2019 का बजट जारी हो गया है। 2019 के शुरूआती महीनों में हीं लोकसभा चुनाव संभावित है। इसका मतलब ये हुआ की अगले चुनावों से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट है मोदी सरकार की। इन्ही कारणों से ज्यादातर लोग ये सोच रहे थे की इस बार का बजट सभी के लिए लोकलुभावन होगा, परन्तु सरकार ने चुनावी बजट ना देते हुए एक अलग तरह का बजट जारी किया है। इस बार के बजट में भी पिछले साल की तरह हीं सरकार का ध्यान गांव, गरीब और किसानों पर ज्यादा रहा। प्रधानमंत्री मोदी जी भी अक्सर ये कहते आये हैं की उनकी सरकार का ध्यान दलित वर्ग, पीड़ित, शोषित और मजदूर वर्ग पर ज्यादा है।

किसानों के लिए क्या है इस बजट में ?

बजट सत्र के दौरान अपने भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने कहा की पिछले सालों में देश का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचा है। किसानों को अब फसलों की उचित कीमत सरकार की मध्यस्थता से मिलने लगी है और इस क्षेत्र में सरकार और भी ज्यादा कार्य कर रही है। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन योजना चलाये जाने की बात की गई। इससे आगे उन्होंने पशु तथा मछली पालन के क्षेत्र में 10 हजार करोड़ का बड़ा फंड जारी करने की बात की। साल 2022 तक किसानों के आय को दोगुना कर देने के अपने पुराने लक्ष्य को उन्होंने एक बार फिर से दोहराया।

वित्त मंत्री ने ई-नैम नाम से एक नए ग्रामीण बाजार का निर्माण करने की भी घोषणा की। इसके आगे उन्होंने जिला लेवल पर अच्छी कृषि उत्पादन के लिए क्लस्टर मॉडल के विकास की बात की। उन्होंने किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करने की भी बात की। उन्होंने बड़े हर्ष से बताया की खरीफ फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्तमान में डेढ़ गुना तक कर दिया गया है।

कृषि केंद्रित व्यापार को बढ़ावा

अरुण जेटली जी ने 2018 के आम बजट में फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 1400 करोड़ रूपए देने के बात कही है। उनका मानना है की अब ऑर्गेनिक खेती को भी बढ़ाना चाहिए। आगे आलू तथा प्याज के फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए ऑपरेशन ग्रीन शुरू करने की बात वित्त मंत्री जी ने की। ऑपरेशन ग्रीन के लिए उन्होंने 500 करोड़ रूपये तक देने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कृषि मार्केट को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी रकम आवंटित करने की बात की, ये रकम 2000 करोड़ रूपये की होगी।

इसके बाद वित्त मंत्री जी ने 42 मेगा फ़ूड पार्क बनवाने की बात और बांस की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए 590 करोड़ रूपये तक देने की बात की। 22000 ग्रामीण हाटों को फार्मिंग मार्केट की तरह विकसित किये जाने की घोषणा की गई। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने हेतु वित्त मंत्री ने कहा की अतिरिक्त सोलर ऊर्जा को सरकार खरीदने का भी प्लान बना रही है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटित होने वाली राशि को दोगुना किया जाएगा। वित्त मंत्री जी ने कृषि क्षेत्रों में एक उज्जवल भविष्य का स्वप्न दिखाते हुए कहा की उनका लक्ष्य है कृषि उत्पादों के निर्यात को 100 अरब डॉलर तक के स्तर तक पहुँचाना है । 

जेटली ने गरीबों को क्या दिया ?

बजट भाषण के दौरान हर गरीब को वर्ष 2022 तक घर देने के अपने वादे को वित् मंत्री ने एक बार फिर से दोहराया। इस बारे में उन्होंने बताया की अब तक शेरोन में 37 लाख घर बनाने के आदेश दे दिए गए हैं। स्वच्छता के लिए सरकार के कार्यों को पुनः दोहराते हुए जेटली जी ने ये कहा की वित्तीय वर्ष 2018-2019 तक 2 करोड़ की संख्या में शौचालय बनाये जाएंगे । 

आगे वित्त मंत्री ने कहा की 16 हजार करोड़ रूपये खर्च कर के 4 करोड़ परिवारों को बिजली की सुविधा प्रदान की जाएगी। सरकार की प्रसंशा करते हुए उन्होंने बताया के 5 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य जो की उज्ज्वला  योजना के तहत रखा गया था, अब उस लक्ष्य को और बढ़ा कर 8 करोड़ तक कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया की 56619 करोड़ रुपये की रकम अनुसूचित जाती के लोगों के विकास के लिए तथा 39135 करोड़ रूपये की रकम अनुसूचित जनजातियों के लोगों के विकास के लिए आवंटित किया गया है।

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