कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा देने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई पूरी हो गयी है। इस सुनवाई में दोनों देश भारत और पाकितान ने अपनी अपनी दलील सामने रखी। भारत ने अपना पक्ष रखे हुए सीधे तौर पर पाक पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
इंटरनेशनल कोर्ट में 11 जजों की बेंच के सामने दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपना अपना पक्ष रखा है। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जल्द ही फैसला सुनाने की बात कही है। आइये नजर डालते है दोनों देशो ने कुलभूषण मामले में कोर्ट में क्या कहा है?
भारत द्वारा पेश की गयी इस दलील पर पाक का कहना है कि जाधव पर भारत की अर्जी गैर जरूरी और गलत तरीके से व्याख्या वाली है। यह कहकर पाकिस्तान ने भारत की अपील ख़ारिज करने की मांग कोर्ट से की। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कोर्ट से जाधव के इकबालिया बयान वाला वीडियो चलाने की इजाजत मांगी, किन्तु कोर्ट ने इस दलील को ठुकरा दिया।
पाकिस्तान की और से खवर कुरैशी, मोहम्मद फैसल ने कोर्ट में हो रही बहस में अपना पक्ष रखा। पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील खवर कुरैशी ने कहा जाधव के पास दया याचिका की प्रक्रिया का अधिकार है और इस सिलसिले में 150 दिन का वक्त दिया जाता है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी और उसके बाद कहा कि वह अस्थायी उपाय के लिए भारत की अपील पर जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा।
इसके बावजूद भी भारत ने कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने की आशंका भी जताई। जिस पर विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधी ने आईसीजे से कहा, 'फैसला होने से पहले ही जाधव को फांसी दिए जाने का फौरी खतरा मंडरा रहा है।"
3 मार्च, 2016 को कुलभूषण जाधव को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ्तार किया गया था और फांसी की सजा सुनाई गयी थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके बताया कि अधिवक्ता हरीश साल्व ने कुलभूषण जाधव केस में सिर्फ एक रुपए ही फीस ली है।