पीएम मोदी की नजर में है ये है एनडीए के सबसे प्रबल राष्ट्रपति उम्मीदवार

आगामी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के कोच्चि में पहली बार शुरू हो रहे मेट्रो परिवहन का उद्घाटन करेंगे। यह घोषणा बाईट बुधवार को ही हो गई थी। लेकिन मेट्रो मेन श्रीधरन को कोच्चि मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन समारोह के उपलक्ष्य में मंच पर नहीं बुलाने से हंगामा मचा हुआ है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसके पीएचई भी एक बड़ा कारण है, जिसे अभी सार्वजानिक नहीं किया गया है।

कोच्चि मेट्रो के उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले गेस्ट्स की लिस्ट पीएमओ को भेजी गई थी। इसके बाद पीएमओ द्वारा फाइनल गेस्ट्स की लिस्ट भेजी गई। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गवर्नर पी सतशिवम, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री पनारयी विजयन का नाम शामिल है। किन्तु ई श्रीधरन का नाम मौजूद नहीं है।  

आमंत्रितों की लिस्ट के बारे में यह जानकारी कोच्चि मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक जॉर्ज ने दी है। ई श्रीधरन के अलावा विपक्षी नेता रमेश चेन्निथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चंडी, स्थानीय एमपी केवी थॉमस और स्थानीय विधायक पीटी थॉमस को भी अामंत्रितों की लिस्ट से बाहर रखा गया है। आमंत्रितों की लिस्ट से ई श्रीधरन को बाहर रखने पर विधायक पीटी थॉमस ने कहा, “यह भाजपा के अहंकार को दर्शाता है।“

मुख्यमंत्री पिनारी विजयन ने लिखा पत्र

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कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन शनिवार को किया जायेगा, लेकिन उससे पहले ही उद्घाटन के लिए मंच पर पीएम के साथ उपस्थित रहने वाले अथितियों को निमंत्रण पत्र भेजे गए। इस निमंत्रण पत्र में लोगो ने जब 'मेट्रो मैन' के नाम से मशहूर ई श्रीधरन का नाम नहीं देखा तो सब आश्चर्यचकित रह गए।

जिसके चलते काफी विवाद भी चल रहा है। विपक्ष ने नाम न होने के  कारण बीजेपी की निंदा शुरू कर दी। यहाँ तक की केरल की पिनारी विजयन सरकार ने तो प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र तक लिख डाला और कहा कि मंचासीन अथितियों की सूची में बदलाव किया जाना आवश्यक है जिसमे श्रीधरन जैसे कई अन्य नाम शामिल किए जा सकते हैं।

जानिए कौन है ई श्रीधरन?

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दिल्ली मेट्रो सहित देश के कई राज्यों में मेट्रो के निर्माण में ई श्रीधरन (5.4-5) की मुख्य भूमिका रही है। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म श्री तथा 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था। श्रीधरन  1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक भी रहे है।

सूत्रों का मुताबिक यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी-एनडीए का कैंडिडेट श्रीधरन को बनाया जा सकता है। जिस कारण पीएम मोदी खुद यह चाहते होंगे कि ऐसे व्यक्ति से सार्वजनिक स्तर पर दूरी बनाए रखें, जिसे एनडीए राष्ट्रपति कैंडिडेट के रूप में आगे बढ़ाना चाहती है।

मोदी ने बनाया राष्ट्रपति उम्मीदवार 

सूत्रों के मुताबिक श्रीधरन की भी इस विषय को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में मन जा है कि उनको इस बारे में पहले से ही कुछ ज्ञात हो। ऐसा है तो देखना यह है कि अगर राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी ने श्रीधरन का नाम चुना है तो अब इसके बाद विपक्षी दल के लोग क्या रणनीति अपनाएंगे क्योंकि उनके लिए तो श्रीधरन का विरोध करना भी मुमकिन नहीं होगा।  

श्रीधरन के नाम सहित भेजी गयी थी सूची

खबरों के मुताबिक पीएमओ को केरल सरकार ने उन 17 लोगों के नाम दिए थे जो पीएम मोदी के साथ मंच पर बैठने वाले थे। जिसमे श्रीधरन का नाम भी दिया गया था। इसके अतिरिक्त केरल में विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, रमेश चेन्नितला, मुख्य सचिव नैलिन नेट्टो और स्थानीय विधायक पीटी थॉमस चेन्नितला का नाम भी शामिल थे। परन्तु पीएमओ के द्वारा जो सूची सामने आयी उसमे सिर्फ 6 लोगो के नाम की मंजूरी थी। जिसमे  केरल के गवर्नर पी सतश‍िवम, मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, वेंकैया नायडू, स्थानीय विधायक केवी थॉमस, यातायात मंत्री थॉमस चांडी और कोच्चि की मेयर सौमिनी जैन शामिल हैं।

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