शौहर ने दो बार दिया तीन तलाक, ससुर के हलाला के बाद देवर के साथ हलाला करने का बनाया दबाव

तीन तलाक से होने वाले महिला उत्पीड़न का एक नया मामला सामने आया है। इस बार उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तीन तलाक और इसके साथ साथ हलाला का मामला भी प्रकाश में आया है। खबरों के अनुसार एक व्यक्ति ने पहले तो अपनी हीं पत्नी को तीन तलाक दे दिया और उसे अपने घर से बाहर निकाल कर बेघर कर दिया और फिर जब महिला ने उस व्यक्ति से उसे वापिस स्वीकार करने की बात की तो इसके लिए उस व्यक्ति ने तलाकशुदा पत्नी को अपने साथ में वापिस रखने के लिए अपने ही पिता और उस महिला के ससुर के साथ निकाह पढ़वा कर हलाला करवा दिया। बहू के संग सुसर का निकाह करा देने के बाद एक बार फिर उस व्यक्ति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक़ दे दिया और इसके बाद अब वो व्यक्ति अपनी पत्नी का हलाला अपने भाई से करवाने पर अड़ गया है।

बता दें की उत्तरप्रदेश के बरेली जिले में अवस्थित बानखाना की रहने वाली एक महिला का निकाह गढ़ी-चौकी के रहने वाले वसीम के साथ साल 2009 में हुई थी। अब उसी महिला का ये आरोप है कि निकाह के दो साल के बाद हीं उसके पति ने उसे तीन तलाक देकर अपने घर से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद कुछ महीने बीत जाने के बाद वसीम ने फिर से अपनी तलाक़शुदा पत्नी को अपने पास रखने के लिए अपने ही पिता और महिला के ससुर के संग निकाह करवा दिया ताकि उस महिला का हलाला हो जाए।

हलाला हो जाने के बाद महिला के ससुर ने उसे तलाक दे दिया और उसके बाद वसीम ने एक बार फिर से अपनी पूर्व पत्नी के साथ निकाह किया और उसके साथ में रहने लगा, लेकिन कुछ हीं दिनों में दोनों में फिर से मनमुटाव होने लग गए, दोनों के बीच लड़ाई-झगड़े खत्म हीं नहीं हो रहे थे और इस दौरान वसीम ने अपनी पत्नी पर बहुत जुल्म किया और साल 2017 में एक बार फिर से उसे तीन तलाक देकर अपने घर से बाहर निकाल दिया।

अब एक बार फिर से वसीम अपनी पत्नी को अपने साथ में रखने को राजी हो गया है, पर इस बार उसने उसके भाई (देवर) के साथ निकाह कर के हलाला करने की शर्त रख दी है। उसका कहना है की जब उसकी तलाक़शुदा पत्नी उसके भाई के साथ हलाला करवाएगी तभी वो उसके साथ फिर से निकाह करेगा।

दूसरी तरफ महिला ने वसीम की इन शर्तों को मानने से साफ़ मना कर दिया है और अब वो अपनी बहन के घर पर रह रही है। इतवार के दिन महिला ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्षा निदा खान के यहां पहुंची और अपनी कहानी बताई।

बता दें की तीन तलाक के ऊपर कोर्ट के द्वारा प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार ने इसके खिलाफ कड़ा कानून बनाने की ओर पहल कर दी है। इसी से संबंधित तीन तलाक निरोधी विधेयक लोकसभा के पटल से पारित भी हो चुका है, पर इसे राज्यसभा से पारित करवाना अभी बाकी है।

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