पेरिस समझौते पर पीएम मोदी ने दिया ट्रम्प को जवाब - वेदों का उदाहरण भी दिया

पेरिस समझौता तोड़ने के बाद भारत और चीन की आलोचना करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्यक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा है कि पेरिस में हुए जलवायु समझौते पर भारत उसके लिए सुपुर्द है। भारत ने प्राचीन काल से ही पारंपरिक रूप से ऊर्जा के स्रोतों पर पराधीन रहा है। उन्होंने कहा, भारत पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भर हो रहा है ताकि हमारी फ्यूचर में आने वाली पीढ़ी ताजा सांस ले सके।

पेरिस के सेंट पीटर्सबर्ग के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच पर नरेंद्र मोदी ने कहा है कि "हम प्रकृति का शोषण नहीं कर सकते हैं। जब मैं जर्मनी में था, मैंने कहा था कि या तो पेरिस या कोई पेरिस नहीं है, हमें यह दृढ़ विश्वास है। हमें अपनी भविष्य की पीढ़ी के लिए धरती छोड़नी चाहिए ताकि वे एक सुहाग्यपूर्ण जीवन जी सकें और ताजी हवा में सांस लेने में समर्थ हो सकें।"

पीएम मोदी ने कहा

मोदी जी ने पेरिस करार का जिक्र करते हुए कहा कि आप सब को यह जानकर ख़ुशी होगी कि भारत में आज पारंपरिक रूप से ज़्यादा रिन्यूअल एनर्जी के क्षेत्र में काम हो रहा है। इस तरह के काम से हम पर्यावरण की रक्षा करने के लिए एक जिम्मेदार देश के रूप में आगे आ रहे है। उन्होंने बताया कि पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों में बड़े निवेश किये जा रहे है।

मोदी ने वेदों का उदाहरण लेते हुए कहा कि "भारत की सांस्कृतिक विरासत रही है। 5 हजार साल पुराने शास्त्र हमारे यहां मौजूद हैं, जिन्हें वेद के नाम से जाना जाता है। इनमें से एक वेद अथर्ववेद पूरी तरह प्रकृति को समर्पित है। हम उन आदर्शों को लेकर चल रहे हैं। हम यह मानकर चलते हैं कि प्रकृति का शोषण अपराध है। यह हमारे चिंतन का हिस्सा है। हम प्रकृति के शोषण को स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए हम अपने विनिर्माण क्षेत्र में जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट के नियम पर चलते हैं।"

उन्होंने आगे कहा मै जब गुजरात राज्य का सीएम था, तब वो ऐसी चौथी गवर्नमेंट थी। जिसने अलग से ही जलवायु के विभाग को बनवाया था। जिसके चलते एलईडी बल्ब के माध्यम से एनर्जी में सेविंग हुई। साथ ही प्रदेश के करीब 40 करोड़ घरों में एलईडी बल्ब प्रदान किये गए। जिसके चलते हज़ारो मेगावाट की इलेक्ट्रिसिटी में बचत हुई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (6.4-9) ने कहा है कि अमेरिका खुद को पेरिस समझौते से बाहर करेगा और इस समझौते पर गुरुवार की रात को ट्रम्प ने कहा कि नए सिरे से समझौते करेंगे। जिसमे से अमेरिका के हित में रक्षा के लिया उनका उदेश्य होगा।

ट्रम्प के इस घोषणा के बाद भारत के पक्ष में अपना मोर्चा खोला है। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका का दौरा रद्द हो सकता है।

पीएम मोदी इस वीक में अमेरिका का दौरा करने वाले थे। इस शुक्रवार की सुबह वाशिंगटन और नई दिल्ली इन दोनों देशों के अधिकारियों और राजनयिकों ने अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत पर दिए गए हमले पर जवाब माँगा है।  

अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने बयान में कहा कि पेरिस समझौते से भारत और चीन को ही फायदा होगा। ट्रम्प ने वाइट हाउस में अपने 27 मिनट के भाषण में कहा है कि 'भारत पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों से अरबों-अरब रुपये की विदेशी मदद को हासिल कर रहा है। इस समझौते के नियम से यह बहुत ही अन्यायी हैं।"

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते के तहत कहा कि भारत को साल 2020 तक अपने कोयले उत्पादन को दोगुना करने के लिए छूट है। तो वही चीन को भी सैकड़ों अतिरिक्त कोयला संयंत्र लगाने की यह छूट नहीं दी है। ट्रम्प ने कहा है कि इस समझौते के मुताबिक अमेरिका में जो भी पाबंदियां लगाई गई हैं उसमे आने वाले साल 2025 तक देश में 27 लाख नौकरिया समाप्त हो जाएंगी।

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