भारत एक युवाओं का देश है। आज भारत की वादी का एक बड़ा हिस्सा युवाओं से भरा हुआ है। ये युवा जोश भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में किसी युवा महिला का MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान के किसी दूर दराज के गांव का सरपंच बनना एक नई उम्मीद जगाता है।
ज़्यदातर ऐसा देखा जाता है की MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोई भी डॉक्टर गांवों में जा कर अपनी सेवायें नहीं देना चाहता । इस क्षेत्र के युवा पढ़ाई के बाद शहरों में अपना करियर बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में राजस्थान के एक सुदूर गांव में एक अलग किस्म का मामला सामने आया है।
राजस्थान में हाल हीं में सरपंच के चुनाव हुए और इन चुनावों में एक गांव को सरपंच के तौर पर एक एमबीबीएस महिला मिली है। इनका नाम शहनाज खान है और इनकी आयु 24 साल है। शहनाज फिलहाल अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही हैं। इतनी कम आयु में सरपंच पद के लिए चुन ली गई यह महिला गांव के लोगों की सेवा के लिए तत्पर नजर आती हैं और इसी वजह से वो राजनीति में आई भी हैं।
बता दें की राजस्थान के कामां गांव की सरपंच चुनी जाने वाली शहनाज़ के परिवार का राजनीति से पुराना नाता है। उनकी माँ पिता और दादा सभी राजनीति में सक्रीय रह चुके हैं। बताया जाता है की शहनाज के नाना तैयब हुसैन भारत के एक मात्र ऐसे नेता हैं जो तीन अलग अलग राज्यों से विधायक पद पर रह चुके हैं। शहनाज़ जिस पद पर चुनी गईं हैं कहा की उस पद पर पिछले चार दशक तक उनके दादा हनीफ खान रह चुके हैं।
मुरादाबाद के चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ रही शहनाज से जब इस बाबत पूछा गया की वो अपनी पढ़ाई तथा सरपंच के दायित्वों के बीच सामंजस्य कैसे बनाएंगी तो शहनाज़ ने कहा, 'मैं गुरुग्राम से इंटर्नशिप करने जा रही हूं, जहां की दूरी मेरे गांव से करीब डेढ़ घंटे की है। ऐसे में मैं रोजाना सुबह और शाम के वक्त और फिर रविवार के दिन गांव के लिए काम कर सकती हूं।'