सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को लेकर बहुत बड़ी बात कही है। योगी ने कहा है कि कुछ लोग आरएसएस पर अंगुली उठाते हैं कि वो सांप्रदाकिता फैला रहे हैं। योगी के मुताबित यह लोग वोट बैंक की राजनीती का प्रयोग कर समाज को बाटने का प्रयास कर रहे है।
यह सभी बाते योगी ने रविवार को लखनऊ में सुहेलदेव विजयोत्सव कार्यक्रम में कही। योगी ने आगे कहा कि लोग इतिहास को अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं। योगी के कहना है लोग इतिहास को भूल गए है। हमारे देश में विदेशियों का हमला बढ़ा है।
योगी के मुताबित जब-जब हम अपने इतिहास को भूलाएंगे तो इसका नुकसान समाज को ही उठाना पड़ेगा। यूपी सीएम ने यह भी कहा कि महाराज सुहेलदेव को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए थी वह लोगों ने नहीं दी। शरारत के तहत ऐसे महापुरुषों को नजरअंदाज किया गया है।
सीएम योगी का कहना है कि आरएसएस निस्वार्थ भाव से कार्य करता है। यह लोगों के अंदर राष्ट्रीयता की भावना भी जाग्रत करता है। जब आरएसएस (6.1-6) मलिन बस्तियों में काम करता है तो लोग इसको लेकर भी उंगली उठाने लगते है और इसे सांप्रदायिकता का नाम दे देते है।
योगी का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि इस बात पर चर्चा हो कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी?
योगी ने बताया कि जो देश को कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्र के तौर पर देखते हैं उन्हें लोग सांप्रदायिक कहते है। जबकि जो लोग उन्हें बांटने का काम करते हैं, वह खुद को मानवतावादी बताते है।
योगी ने कहा कि अशफाक उल्ला खां, डॉ अब्दुल कलाम, अब्दुल हमीद का हर कोई सम्मान करता है, किन्तु कुछ लोग बाबर, गोरी जैसों के साथ अपना नाता जोड़ते हैं। आप खुद ही सोचिए उनका स्थान कहा होना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है कि वह इन सभी महापुरुषों को फिर से पाठ्यक्रम में शामिल करेगी। मुख्यमंत्री के मुताबित जब तक बच्चों को यह नहीं बताया जायेगा कि हमारे महापुरुष कौन हैं, तो उन्हें उनके बारे में कैसे पता चलेगा। आजादी के बाद से इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। जिन लोगों ने यह शरारत की है उन्हें अब लोगों के सामने लाना जरुरी हो गया है। इसी के चलते योगी ने उत्तरप्रदेश में महापुरुषों के नाम से मिलने वाली छुटियो को बंद कर दिया है।