आज के समय में स्मार्टफोन कोई बड़ी चीज नहीं है। हर घर में 1-2 स्मार्टफोन तो सामान्य रूप से मिल ही जाते है।
आज के समय में स्मार्टफोन कोई बड़ी चीज नहीं है। हर घर में 1-2 स्मार्टफोन तो सामान्य रूप से मिल ही जाते है। अधिकांश लोग अपने बच्चो को रोता देख उन्हें चुप कराने के लिए झट से स्मार्टफोन पकड़ा देते है। अगर आप भी उन्ही माँ-बाप में से है, तो हो जाइये सावधान? कहीं आपकी यह गलती आपके और आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक ना बन जाये।
मन कि जब आप बच्चे को स्मार्टफोन देते है तो वो कुछ समय के लिए चुप भी हो जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आगे चलकर इस स्मार्टफोन का आपके बच्चे पर क्या असर होगा। जी हाँ, बच्चो के हाथ में स्मार्टफोन देना कोकेन जैसी नशीली चीजों की आदत लगाने के बराबर होता है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन बच्चों को स्मार्टफोन के उपयोग की बुरी लत है। ऐसे बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा कम होने लगी है और उनके फैसले लेने की क्षमता भी कमजोर होती जा रही है। वह बच्चे अपने माता पिता के साथ ज्यादा समय व्यतीत नहीं करते है, वहीं टेक्नोलॉजी उनके मानसिक विकास और दिमाग को कमजोर बना रही है।
इसके अलावा ज्यादा समय तक बैठे रहने तथा फिजिकल एक्टिविटी ने होने के कारण उनके शारीरिक विकास में भी कमी आ रही है। जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।
रिसर्च में यह भी देखा गया है कि स्मार्टफोन पर ज्यादा समय बिताना युवाअों के बीच पोर्नोग्राफिक इमेजेज भेजने-देखना तथा ऑनलाइन गलत काम करना उनके पेरेंट्स की चिंता का कारण बनता जा रहा है। हर्ले स्ट्रीट क्लिनिक द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक 1,500 से अधिक शिक्षकों में से लगभग दो-तिहाई टीचर्स ने कहा है कि वे अश्लील फोटो भेजने और देखने वाले स्टूडेंट्स से वाकिफ हैं, जिनमें प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी शामिल हैं। इस बात से आप भी अंदाजा लगा सकते है कि स्मार्टफोन का कितना बुरा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ रहा है। इसके अलावा अश्लील वीडियाे के मामले में पिछले तीन साल में करीब 2,000 से अधिक शिकायत दर्ज कराए गई है।
सर्वे से यह बात भी सामने आई है कि अधिकतर युवा लड़कियां मोबाइल से किसी को न्यूड फोटो भेजते है तो उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है, यह उनके लिए सामान्य है। लेकिन अगर यही फोटो उनके पेरेंट्स देख लें तो यह 'गलत' हो जाता है। ब्राडकास्टिंग रेगुलेटर्स के अनुसार, तीन से चार साल के बच्चे हर हफ्ते इंटरनेट का उपयोग करीब 6 घंटे करते हैं।
बच्चों के स्मार्टफोन की लत इतनी बढ़ती जा रही है कि उसे हटाने के लिए इलाज की आवश्यकता पड़ रही है। इस तरह के इलाज के लिए पश्चिमी दुनिया में सिएटल के नजदीक रिस्टार्ट लाइफ सेंटर एक मात्र ऐसा केंद्र है, जहाँ पर किशोरों को डिजिटल तकनीक की लत से मुक्ति दिलाई जाती है। इस केंद्र का नाम सेरेनिटी माउंटेन है। जहाँ 13 से 18 साल तक के किशोरों का उपचार इस केंद्र में किया जाता है।
अगर आपका बाचा भी स्मार्टफोन का आदि हो चूका है तो इसके लिए आपको अपने बच्चों पर ध्यान देना होगा। आपन उनके स्मार्टफोन के इस्तेमाल का समय निर्धारित करे और उसे धीरे धीरे कम करते जाये। अगर वह रोता है तो उसे अन्य किसी और चीज में लगा दे ताकि उसका शारीरिक विकास हो सके।
जैसे आम मनोरंजक फिल्मों का बड़ा उद्योग होता है वैसे ही पोर्न फिल्मों की भी अपनी एक अलग ही दुनिया होती है
Still Unfold
दुनिया में अगर कोई व्यक्ति ऐसा कहे कि वह लड़कियों को बहुत अच्छे से समझता है।
Still Unfold