बॉलीवुड डायरेक्टर संजय लीला भंसाली इतिहास के ऊपर कई रोचक फिल्में बना चुके है।
बॉलीवुड डायरेक्टर संजय लीला भंसाली इतिहास के ऊपर कई रोचक फिल्में बना चुके है। उन्होंने साल 2015 में "बाजीराव मस्तानी" फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में संजय लीला भंसाली ने पेशवा बाजीराव और मस्तानी बाई की प्रेम कहानी को दिखाया था। संजय इस बार दर्शकों के लिए चित्तौर की महारानी "पद्मावती" के जीवन पर आधारित फिल्म लेकर आ रहे है।
संजय लीला भंसाली की यह फिल्म पहले 1 दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही थी। जिसका सभी दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार था। सभी फैन्स फिल्म "पद्मावती" का ट्रेलर देखने के बाद फिल्म देखने के लिए काफी उत्सुक थे। लेकिन फिल्म में महारानी पद्मावती के कुछ आपत्तिजनक दृश्यों और रियल स्टोरी से की छेड़छाड़ को लेकर यह फिल्म जबरदस्त विवाद का विषय बन गई है और कई राज्यों ने इस फिल्म की रिलीज़ पर बैन भी लगा दिया है।
इस फिल्म में महारानी पद्मावती का रोल दीपिका पादुकोण, महाराज महारावल रतन सिंह का किरदार शाहिद कपूर और सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी का किरदार रणवीर सिंह निभा रहे है। अलाउद्दीन खिलजी के किरदार को देखने के लिए फैंस बहुत ज्यादा उत्सुकता नजर आ रहे है। इसी उत्सुकता को देखते हुए अलाउद्दीन खिलजी के जीवन से जुडी कुछ रोचक जानकारियां आपके लिए हम लेकर आये है। आइये जानते है Alauddin Khilji History in Hindi.
अलाउद्दीन खिलजी वास्तविक नाम अली गुरशास्प था। वह दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था। खिलजी बहुत ही तेज दिमाग और शातिर इंसान था। तभी तो उसने गद्दी के लालच में अपने चाचा और अपने ससुर 'जलालुद्दीन खिलजी' की हत्या करवा दी थी। खिलजी ने यह सब केवल सिंघासन पाने के लिए किया था। इन दोनों की हत्या की बाद अलाउद्दीन खिलजी ने राज सम्हाला और दिल्ली के राजा बन गए।
उन्होंने राजा बनाने के बाद 1296 से लेकर 1316 यानि 20 साल तक दिल्ली पर राज किया था। सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को 'अलेक्जेंडर द्वितीय' के नाम से जाना जाता था। सुल्तान खिलजी को 'सिकंदर-ए-सानी' के खिताब से भी नवाजा गया था। उनकी गिनती मुग़ल शासन के एक बेहतरीन शासक के रूप में की जाती है।
सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी में बहुत सी खामिया थी। इसके बावजूद उन्होंने कई राज्यों में अपना शासन बहुत ही अच्छे तरीके से चलाया था। उन्होंने मेवाड़, गुजरात, रणथम्बोर, जालोर, मबर, वारंगल, रणथम्बोर, मदुरै और मालवा पर विजय हासिल कर अपने राज्य का विस्तार किया था। खिलजी ने कई बार मोगल को भी हराया था।
भारत के कई हिस्सों पर कब्ज़ा करने के बाद सुल्तान खिलजी की नजर चित्तौड़ के किले और महारानी पद्मावती पर पड़ी। जिसके बाद वो महारानी पद्मावती की सुंदरता की ओर आकर्षित हो गया था। इसके चलते अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के महाराजा रतन सिंह के साथ दोस्ती करने का विचार किया।
इतिहास के पन्नों में अलाउद्दीन खिलजी के स्वभाव की चर्चा की गई है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, वह एक ऐसा इंसान था जो पुरुष और महिला दोनों के साथ संबंध बनाने में रूचि रखता था।
सुल्तान अलाउदीन खिलजी एक बार "बच्चा बाजी" के बाजार में गया था। बाजार में खिलजी की नजर मलिक काफूर पर पड़ी और इसके साथ ही अलाउद्दीन उसके प्रति आकर्षित हो गया था। ऐसा कहा जाता है इन दोनों के बीच बहुत ही गहरे संबंध थे।
अपने बाइसेक्शुअल व्यवहार की वजह से ही अलाउद्दीन खिलजी, एकाएक रानी पद्मावती की ओर आकर्षित हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि मुग़ल हरम में खिलजी की सेक्शुअल जरूरतों को पूरा करने के लिए 70,000 से ज्यादा मर्द, औरतें और बच्चे थे।
जब महाराजा रतन सिंह ने सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की दोस्ती का प्रस्ताव ठुकरा दिया। तो अलाउदीन ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। इस जंग में महाराजा रतन सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। इसके बाद अलाउदीन खिलजी चित्तौड़ की ओर आगे बढ़ाने लगा गया।
चित्तौड़ के महाराजा रतन सिंह की मृत्यु होने के उपरांत महारानी पद्मावती और उनके राज्य की अन्य महिलाओं को सुल्तान अलाउदीन खिलजी (4.1-9) का दास बनना बिल्कुल भी मंजूर नहीं था। इसलिए महारानी पद्मावती और अन्य महिलाओं ने जौहर कर जान दे दी थी। ऐसा कहा जाता है उन सभी महिलाओं की चीखों ने सुल्तान अलाउदीन खिलजी का सुख चैन छीन लिया था।
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