आज 21 अप्रैल, सिविल सर्विस डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह अटेंड किया। इस 11वें लोकसेवक दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि एक नियामक होने के नाते हमें सक्षम बनाने वाली इकाई बनने की आवश्यकता है।
मोदी ने इस दौरान कई अफसरों को संबोधित किया और कश्मीर को लेकर बड़ा बयान भी दिया। उन्होंहे कहा 'जब कश्मीर में बाढ़ आने पर हमारे फौजी लोगों की जान बचाते है, तो लोगों द्वारा उनके लिए तालिया बजती है। किन्तु बाद में हमारे फौजी को पत्थर भी खाना पड़ता है।
मोदी ने कहा कि सभी को इस बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए और इस तरह की चीजों को रोकना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 20 साल पहले और आज के हालात में काफी अंतर है। उनके मुताबित अफसरों को शक्ति का एहसास होना चाहिए।
मोदी ने बताया कि विगत 20 वर्षों में कार्यशैली के तरीके में काफी परिवर्तन आया है। अब हमारी जिम्मेदारियां बढ़ गयी है। मोदी ने कहा कि अब लोगों के पास कई तरह के विकल्प मौजूद हैं, जिसके चलते हमारी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं इसलिए हमें भी अपनी कार्यशैली को बदलना होगा। सरकार के रहते हुए लोगों को बोझ का एहसास नहीं होना चाहिए।
मोदी ने कहा सर्वश्रेष्ठ होना, आपको अपनी आदत में शामिल करना होगा। मैं चाहता हूं कि अगले एक साल में काम की क्वालिटी में बदलाव आये।
मोदी ने अफसरों से कहा कि हर किसी को गृहणियों से काफी कुछ सीखने की जरुरत है, वह किस तरह परेशानियों के बावजूद सभी चीजों को मैनेज करती है और नई ऊंचाई पर ले जाती है। उसी तरह आपको भी अपनी जिम्मेदारी को निभाना है। मोदी ने कहा कि हम सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा, हम सिविल सर्विस की ताकत को खोने नहीं दे सकते।
मोदी ने कहा कि 'वे सोशल मीडिया की पावर को जानते है। इसकी मदद से लोगो को जागरुक किया जा सकता है। जिला लेवल के अफसर भी इसकी मदद ले सकते है। इसके अलावा मोदी ने यह भी कहा कि काम के दौरान सोशल मीडिया पर खुद का प्रचार जरुरी नहीं है, इसका प्रयोग केवल जनता के भलाई के लिए करना चाहिए।'