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हाल ही में क्राइम ब्रांच के सामने एक मामला सामने
हाल ही में क्राइम ब्रांच के सामने एक मामला सामने आया है। जिसमें आरोपी का साथ कुछ पुलिस कर्मी दे रहे थे। जिस वजह से आरोपी आप तक बचता आ रहा था।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ और आरोपी की कॉल डिटेल से पता चला है कि 28 लाख रुपए की लूट के आरोप में पकड़ाए शूटर का तीन पुलिसकर्मियों के साथ सीधा मेल-जोल था। यहाँ तक की सिपाही और हेड कांस्टेबल थाने से सम्बंधित गुप्त कार्रवाई और दबिश की सूचना भी आरोपी को दिया करते थे। इसके तहत तीनों संदेही पुलिसकर्मियों को थाने से निष्काषित कर दिया गया है।
यह भी खुलासा हुआ है कि कशिश नामक किन्नर के साथ आरोपी का प्रेम-प्रसंग चल रहा था। आरोपी किसी भी वारदात को अंजाम देने के उपरांत किन्नर के पास चला जाता था। शाकिर ने शादी शुदा होने के बाद भी एक हेड कांस्टेबल की बेटी से भी विवाह कर लिया था। पत्नी, प्रेमिका और किन्नर फरारी में उसकी मदद करते थे।
गौतमपुरा के धरमाड निवासी शाकिर उर्फ बकरी चोर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। अटाहेड़ा रोड (गौतमपुरा) पर आरोपी ने सहकारी संस्था के सेक्रेटरी सत्यनारायण गौड़ और सेल्समैन रामकरण राठौर पर फायरिंग कर 28 लाख रुपए लूटे थे। शाकिर से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त भी करता है।
दो महीने पहले बिलपांक (रतलाम) पुलिस ने उसके द्वारा बेचा गया कट्टा जप्त किया था। पुलिस उसकी खोज जावरा के भाजपा नेता कैलाश सूर्यवंशी की हत्या के लिए भी कर रही थी। फरारी के समय भी वो घर आता-जाता था। शाकिर गौतमपुरा थाने पर पदस्थ सिपाही श्रवण दरबार और हेड कांस्टेबल कालूसिंह से संपर्क में रहता था। पुलिस कार्रवाई का विवरण दोनों शाकिर को दिया करते थे। उसकी बातचीत एसडीओपी कार्यालय के सिपाही ओमप्रकाश पंवार से भी हुआ करती थी।
इस घटना का पता चलने के बाद डीआईजी ने तीनों पुलिसकर्मियों को वहां से हटाकर कोतवाली थाने में नियुक्त कर दिया। साथ ही आरोपी से रतलाम और जावरा पुलिस की टीम भी पूछताछ कर रही है क्योंकि पुलिस को शंका है कि फरारी के दौरान भी आरोपी ने भी कई वारदातें की हैं। उसके मोबाइल की लोकेशन से उपस्थिति का पता लगाया जा रहा है।
जून 2014 में शाकिर ने गौड़ और राठौर की बाइक को टक्कर मारकर गिरा दिया था। हवा में गोलियां चलाकर 28 लाख 50 हजार रुपए से भरा झोला लेकर भाग गया।
तत्कालीन टीआई और एएसपी ने पूछताछ की लेकिन सबूतों की कमी की वजह से उसे छोड़ दिया गया था। इसके बाद शाकिर सिपाहियों के संपर्क में रहने लगा। एक साल पहले एसडीओपी अनिल सिंह राठौर ने केस की नए सिरे से जांच शुरू की। जिसके बाद पता चला कि इस घटना में शाकिर भी मिला हुआ है।
घटना के दौरान शाकिर की लोकेशन को ट्रेस करने पर पता चला की वारदात के समय शकील भी वहां मौजूद था। इसके बाद एसडीओ ने उस पर 3000 का इनाम भी घोषित किया। छ माह पहले पुलिस को शाकिर के घर में छुपे होने की खबर मिली। लेकिन भेदियों ने उसे भगा दिया था। एक अफसर ने इन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध संदेह के मुताबिक रिपोर्ट वरिष्ठ अफसरों तक भेजी थी।
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