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पिछले लगभग एक महीने से मोदी सरकार की नजर भारत से ज...
पिछले लगभग एक महीने से मोदी सरकार की नजर भारत से जुड़े इस्लामिक मुद्दों पर कुछ ज्यादा ही लग रही है। जहाँ पुरानी सरकार इस्लामिक मुद्दों को वोट बैंक खिसकने के डर से कभी हाथ भी नहीं लगाते थे वहीं मोदी सरकार ने खुल कर इन मुद्दों पर निर्णय लिए हैं और किसी भी तरह के विरोध का कोई ख्याल नहीं किया है।
मंगलवार को मोदी सरकार ने एक बार फिर मुसलमानों से जुड़े एक और मुद्दे पर निर्णय लिया। मुसलमानों को हज़ पर जाने के लिए एक लम्बे वक़्त से मिल रही सब्सिडी को अब खत्म कर दिया गया है। कुछ दिन पहले ही मुस्लिम महिलाओं को हज़ जाने में एक बड़ी राहत देते हुए ये निर्णय लिया कि अब मुस्लिम महिलाएं अकेले भी हज़ करने जा सकती है।
वहीं मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक़ के खिलाफ विधेयक ला कर भी मोदी सरकार ने इस्लामिक मुद्दे पर हस्तक्षेप किया। इस तरह पिछले करीब एक महीने में मोदी सरकार ने तीन अहम् इस्लामिक मुद्दों पर कदम उठाये हैं। विपक्षी दल इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भाजपा की सोची समझी रणनीति बता रहे हैं।
Haj subsidy funds will be used for educational empowerment of girls and women of minority community: Minority Affairs Minister Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/p1GmpyyRyg
— ANI (@ANI) 16 January 2018
विश्वभर के इस्लाम धर्मावलम्बी के जैसे ही भारत के इस्लाम धर्म मानने वाले लोग भी हर साल हज़ करने साउदी अरब के मक्का जाते हैं। भारत से जाने वाले सभी हाजियों के वहां जाने के खर्च का कुछ हिस्सा सरकार सब्सिडी देकर खुद उठाती है। ये सब्सिडी उन हज यात्रा करने वालों को ही मिलती है जो सरकार के द्वारा बनाये गए हज कमिटी के माध्यम से हज करने जाते हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार के हज़ सब्सिडी को समाप्त करने के निर्णय को मुसलमानों के बड़े तबके ने अच्छा बताया है, पर कुछ लोग इससे नाराज़ भी नजर आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री बनने से पहले के अपने पुराने वादे को निभाते हुए मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक़ में तीन तलाक़ विरोधी विधेयक लेकर आये। ये विधेयक मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ की समस्या से निजात दिलाएगा। इस विधेयक के जरिए तीन तलाक़ की कुप्रथा को जुर्म घोषित कर दिया गया है। इस विधेयक को 15 दिसंबर के दिन कैबिनेट से मंजूरी मिली और इसे 28 दिसम्बर को लोकसभा से पास भी करवा लिया गया। चुकी अभी राज्यसभा में मोदी सरकार की बहुमत नहीं है इसलिए ये विधेयक अभी लटका हुआ है। मोदी सरकार इस विधेयक को अब बजट सत्र में पास कराने की कोशिश करेगी। सरकार के इस कदम से जहाँ एक ओर मुस्लिम महिलाओं में ख़ुशी नजर आई वही मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक का विरोध किया।
मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा एक और बड़ा फैसला कुछ ही दिन पहले मोदी सरकार ने लिया। इस फैसले के अनुसार मुस्लिम महिलायें अब बिना किसी पुरुष को साथ लिए अकेले भी हज यात्रा पर जा सकती हैं। इसके अनुसार 45 साल से ऊपर की उम्र की मुस्लिम महिलायें बिना किसी पुरुष अभिभावक के हज करने जा सकती हैं। इस निर्णय के आने के बाद ही करीब 1300 मुस्लिम महिलायें बिना किसी पुरुष के अकेले हज करने जाएंगी। इस निर्णय पर कई मुस्लिम संगठनों और मौलानाओं ने विरोध भी जताया है। उन्होंने कहा है कि यह निर्णय इस्लाम के विरुद्ध है।
इस्लाम से जुड़े कई मुद्दों पर लगातार फैसले लेती मोदी सरकार पर सियासी विश्लेषक सियासी कयास लगाने लगे हैं।उनके अनुसार इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव भी होंगे, मोदी सरकार के ये सारे कदम जनता में ये सन्देश पहुंचा रहे हैं कि वो पिछली सरकारों की तरह मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं करते हैं और अपने निर्णयों पर किसी तरह के कटटरपंथी संगठनों के आगे नहीं झुकते हैं। इन सब से प्रगतिशील मुसलमानों के वोट भाजपा की तरफ भी मुड़ सकते हैं ऐसी भी प्रबल सम्भावना है।
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