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आज हमारे देश ने हर क्षेत्र में इतनी उन्नति कर ली है कि अब हमें किसी भी काम के लिए किसी देश से मदद लेने की आवश्यकता नहीं है। इसका आज एक उदाहरण हमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने दिया है। ISRO ने PSLV C-43 लांच किया है जिसमे भारत द्वारा निर्मित हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट (HySIS) के साथ साथ अंतरिक्ष में दुनिया के अन्य 9 देशो के 30 सैटेलाइट भेजे गए है।
ISRO ने आज सुबह आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV C-43 को 9 बज कर 58 मिनट पर छोड़ा है। PSLV की यह 45वी उड़ान है और इस साल में छठी बार इसे अंतरिक्ष में छोड़ा है।
हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट इस पूरे मिशन का प्राथमिक सैटेलाइट है। हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट (HySIS) एक इमेजिंग सेटेलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने विकसित किया है। HySIS का उद्देश्य इलेक्ट्रोमेग्नेटिक स्पेक्ट्रम में इंफ्रारेड और शार्ट वेव इंफ्रारेड के साथ साथ पृथ्वी की सतह का भी अध्ययन करना होगा। यह एक विशेष प्रकार की चिप की मदद से बना हुआ है जिसे ऑप्टिकल इमेजिंग डिटेक्टर ऐरे भी कहा जाता है।
इस उपग्रह की मदद से हम पृथ्वी के हर हिस्से पर नजर रख सकते है क्योंकि यह पृथ्वी से 630 किमी की दूरी से 55 विभिन्न रंगों को आसानी से पहचान सकता है।
इस उपग्रह की एक खूबी यह भी है कि यह डिजिटल इमेजिंग व स्पेक्ट्रोकॉपी की ताकत को एक साथ जोड़ता है।
भारत ने इस बार अमेरिका के 23 सेटेलाइट व ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के एक एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचाया।
इस मिशन को PSLV C-43 112 मिनिट में पूरा करेगा। सभी सैटेलाइट का कुल भार 261.5 किलो है।
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