हाल हीं में आये त्रिपुरा के चुनाव परिणामों में भाजपा की प्रचंड जीत हुई और इस जीत के बाद ऐसी खबर आई की कई जगहों पर वामपंथी विचारधारा रखने वाले नेताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया। धीरे धीरे अब ये मूर्ती तोड़ने की वारदातें त्रिपुरा से बाहर निकल कर उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल तक पहुँच गईं हैं।
खबर है की मूर्ति तोड़ने की इस आग में उत्तरप्रदेश भी जलने लगा है। पश्चिमी उत्तरप्रदेश स्थित मेरठ जिले के मवाना इलाके में भी एक मूर्ति तोड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस नए मामले के अंतर्गत मवाना इलाके में स्थित भीम राव अंबेडकर जी की मूर्ती को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़ दिया। इस मूर्ती तोड़ने के मामले को तूल पकड़ता देख उसी जगह पर बाद में अंबेडकर की एक नई मूर्ती को स्थापित कर दिया गया है।
शरारती तत्वों के द्वारा अंबेडकर की मूर्ती तोड़े जाने के बाद वहां पर लोगों ने काफी हंगामा किया और तुरंत दूसरी मूर्ति लगाने की मांग भी की। मौके पर पहुंचे सीओ ने अज्ञात लोगों के नाम मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पूर्व विधायक (हस्तिनापुर) योगेश वर्मा ने इस मसले पर बताया की उन्होंने जब इस घटना की खबर सुनी तो सबसे पहले उन्होंने वहां के एसडीएम से संपर्क साधने की कोशिश की, पर एसडीएम ने उनका फोन रिसीव नहीं किया।
अलग अलग हिस्सों में गिराई गई कई मूर्तियां
अंबेडकर की मूर्ती गिराए जाने की इस घटना से पहले त्रिपुरा में वामपंथी विचारधारा के बड़े नेता लेनिन की मूर्तियों को भी गिराया गया है। सिर्फ लेनिन और अंबेडकर हीं नहीं बल्कि तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ती और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के शुरूआती नेताओं में से एक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ती को भी नुकसान पहुँचाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी इन घटनाओं से हैं नाराज
अलग अलग जगहों से आ रही मूर्ती तोड़ने की इन घटनाओं पर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बेहद नाराज बताये जाते हैं।
उन्होंने इन घटनाओं पर पर नाराजगी जताई है। बताया जाता है की मोदी जी इन घटनाओं से आहत हैं और गृहमंत्रालय ने भी इन मामलों पर सख्ती दिखाई है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा है की वो ऐसे मामलो पर तुरंत और सख्त कार्यवाई करें। इस मुद्दे पर देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने प्रधानमंत्री मोदी से बात भी की है।
जैसा की आपको पता हीं है हाल हीं में त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव हुए और पिछले 3 मार्च को इन चुनावों के नतीजे घोषित हुए। नतीजों के आने के बाद त्रिपुरा के अलग अलग इलाकों से हंगामे की खबरे आईं। वामपंथी नेताओं द्वारा ऐसा आरोप लगाया गया कि भाजपा समर्थक भीड़ ने दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया सबडिविज़न स्थित रुसी क्रांति के जनक और प्रसिद्द वामपंथी नेता की मूर्ती को बुलडोज़र की सहायता से ढहा दिया। वामपंथ के जनक कहलाने वाले लेनिन की मूर्ति को तोड़े जाने पर राज्य और देश के वामपंथी दल और उनके नेता नाराज हैं। इस घटना के बाद मंगलवार को एक बार फिर त्रिपुरा में ही लेनिन की एक दूसरी मूर्ति के भी गिराए जाने की खबर आ गई।
त्रिपुरा से शुरू हुई मूर्ति तोड़ने की इन घटनाओ की आग धीरे धीरे तमिलनाडु तक पहुँच गई और तमिलनाडु के समाज सुधारक रहे पेरियार जी की मूर्ति को भी कुछ लोगों तोड़ दिया। ख़बरों के अनुसार कहा जा रहा है कि समाज सुधारक पेरियार की मूर्ति को क्षति पहुँचाने की घटना तमिलनाडु के वेल्लुर जिले में मंगलवार को हुई। सूत्रों के अनुसार ईवीआर रामास्वामी जिनको लोग पेरियार के नाम से ज्यादा जानते हैं की मूर्ति को मंगलवार की रात को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
त्रिपुरा में लेनिन और तमिलनाडु में पेरियार की मूर्तियों के अलावा पिछले बुधवार को पश्चिम बंगाल में स्थापित जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को भी कुछ लोगों द्वारा खंडित किया गया। पश्चिम बंगाल की स्थानीय पुलिस ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है। इन सात गिरफ्तार आरोपियों में 6 पुरुष तथा 1 महिला भी शामिल हैं। इन सभी सात लोगों पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ती का चेहरा बिगाड़ने तथा तोड़-फोड़ करने का आरोप है।