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आजकल इंटरनेट फेक न्यूज़ का एक प्रमुख केंद्र बन गय
आजकल इंटरनेट फेक न्यूज़ का एक प्रमुख केंद्र बन गया है । पिछले कुछ सालों में इंटरनेट पर फेक न्यूज की मात्रा में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। वैसे तो फेक न्यूज और फेक प्रोपगेंडा का ये चलन कई दशकों पुराना है। पर आज के इस सोशल मीडिया के जमाने में फेक न्यूज बहुत तेजी से वायरल हो जाते हैं और बहुत सारे लोगों तक पहुंच जाते हैं। इन फेक न्यूज पर नियंत्रण पाने के लिए फेसबुक तथा ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स अपने प्राइवेसी पॉलिसी में हर कुछ दिनों में बदलाव करते रहते हैं, लेकिन इन सब के बाद भी फेक न्यूज के फैलने से रोक पाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। वहीं इन फेक न्यूजस को व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग एप्प के माध्यम से कई ग्रुप्स में भारी मात्रा में साझा किया जा रहा है।
फेसबुक और ट्विटर के प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव
फेसबुक तथा ट्विटर जैसे साइट्स पिछले कुछ सालों से फेक न्यूज़ परोसने वाले न्यूज आर्टिकल और पोस्ट पर लगाम लगाने के प्रयास कर रहे हैं, परन्तु हर प्रकार के फेक आर्टिकल तथा पोस्ट को इन साइट्स से हटा पाना लगभग असंभव सा टास्क होता है। ज्यादातर नामचीन मैगजीन तथा न्यूज़ पेपर पोर्टल अपने आर्टिकल को काफी शोध करने के बाद हीं प्रकाशित करते हैं। इन ऑफिसियल आर्टिकल में फेक्ट चेक करने के बहुत सारे तरीकों का उपयोग किया जाता है, वहीं फेसबुक तथा ट्विटर पर साझा किये जाने वाले कई पोस्ट फेक रहते हैं। इन फेक न्यूज का गलत प्रभाव लोगों पर भी पड़ता है।
गूगल और एप्पल के फेक न्यूज़ के खिलाफ सकारात्मक कदम
फेक न्यूज के फैलाए जाने से रोकने के लिए गूगल तथा एप्पल जैसी कंपनियों ने बहुत सारे अच्छे कदम उठाए हैं, जिसका अब साकारात्मकअसर भी देखने को मिलने लगा है। इन दोनों ही कंपनियां ने फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा न्यूज कंटेट को रिफाइन करने के लिए आम लोगों का भी मदद लिया है । एप्पल न्यूज तथा गूगल न्यूज का प्रमुख उदेश्य फैक्ट बेस्ड सच्ची रिपोर्टिंग तथा रिसर्च बेस्ड कहानी को हाइलाइट करना है।
एप्पल ने इसमें कई पत्रकारों को भी जोड़ा
एप्पल न्यूज फेक न्यूज़ से लड़ाई के मामले में उस समय चर्चा में आ गया जब उसने फेक न्यूज़ का पता लगाने के लिए न्यूज के फैक्ट को क्रॉस चेक करने के लिए नामचीन अखबार न्यूयार्क टाइम्स तथा वाशिंगटन पोस्ट के कुछ प्रमुख पत्रकारों को अपने साथ जोड़ लिया । एप्पल न्यूज के माध्यम से पोस्ट होने वाले हर प्रकार के न्यूज को दुनिया भर के कुछ नामचीन पत्रकार जाचेंगे और उसके फैक्ट को क्रॉस चेक करेंगे की उसमें कुछ गलत या सुधार तो जरुरी नहीं है।
गूगल करेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
गूगल न्यूज भी आजकल खुद को बेहतर करने के लिए नए कदम उठा रहा है, लेकिन गूगल ने एप्पल की तरह पत्रकारों से क्रॉस चेक करवाने के बजाय कुछ अलग हटकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया है। गूगल ने फेक न्यूज पर पाबंदी लगाने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड अलगॉरिदम बनाया है। इनके द्वारा सुधार किये गये न्यूज आर्टिकल्स में किसी प्रकार की गलती होने की संभावना कम हो जाती है।
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