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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के शियामेन में ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के शियामेन में ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि दुनिया के आर्थिक विकास हेतु 'सबका साथ - सबका विकास' आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए अगला एक दशक बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। हमें अलगे दशक को स्वर्णिम बनाने के प्रयासों में जुटना होगा।
पीएम मोदी ने मंगलवार को 'डायलॉग ऑफ इमर्जिंग मार्केट्स ऐंड डिवेलपिंग कंट्रीज' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उभरते देशों के मध्य सहयोग को महत्वपूर्ण बतायाI पीएम मोदी ने कहा कि हमारे विकास की अवधारणा सबका साथ और सबका विकास के सिद्धांत पर आधारित है।
आतंकवाद के मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ब्रिक्स देशों को साथ आना होगा। साथ ही जलवायु परिवर्तन को लेकर भी पीएम मोदी ने कहा कि हमें हरित दुनिया के निर्माण हेतु साथ आना होगा।
आपको बता दें कि पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का जिक्र ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के घोषणापत्र में किया गया है। इसके अतिरिक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने साइबर सुरक्षा को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया है। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को ही डोकलाम मतभेद के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगेI
पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट के दोनों दिनों में प्रत्येक मंच पर आतंकवाद का मुद्दा उठाया। चीन ने समिट के शुरू होने से पहले कहा था कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जिक्र नहीं होगा, परन्तु पीएम मोदी के समक्ष चीन की बिलकुल भी न चली। साथ ही हर मुद्दे पर आतंकवाद, चीन और पाकिस्तान को करारा उत्तर मिला।
पीएम मोदी ने कहा हम सभी को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए नए कदम उठाने होंगे। मोदी ने कहा कि हम मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं।
ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता जताई गई है। इसमें लिखा गया है कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं।
घोषणापत्र में कहा गया है कि हम लोगों ने दुनिया भर में हुए आतंकी हमलों की कड़ी आलोचना की, कहा गया है कि किसी भी तरह से आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। घोषणापत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी ब्रिक्स देश आतंकवाद के विरुद्ध मिलकर लड़ेंगे।
जब ब्रिक्स का घोषणापत्र सोमवार को जारी हुआ तो उसमें अहम बात यह रही कि पहली बार चीन ने माना कि लश्कर और जैश दुनिया के लिए खतरनाक हैं। साथ ही ब्रिक्स के घोषणापत्र में लश्कर और जैश संगठनों का जिक्र होना भारत के लिए अहम कामयाबी मानी गई।
Met President Xi Jinping. We held fruitful talks on bilateral relations between India and China. pic.twitter.com/hbKRPpRwyl
— Narendra Modi (@narendramodi) 5 September 2017
पीएम नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग (3.1-3) के मध्य 1 घंटे बातचीत हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं में सकारात्मक बातचीत हुई। मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने का फैसला लिया गया। सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता है।
चीन के शियामेन शहर में ब्रिक्स सम्मेलन के समापन की औपचारिक घोषणा के साथ अगले साल दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में अगले ब्रिक्स सम्मेलन की घोषणा की गई।
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