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आज नीतीश कुमार ने सीएम पद के लिए छठी बार शपथ ली हैI ...
आज नीतीश कुमार ने सीएम पद के लिए छठी बार शपथ ली हैI बुधवार रात से बिहार राज्य में हो रहे राजनीतिक घमासान के उपरांत नई सरकार का गठन हो गया है। नीतीश के साथ ही डिप्टी सीएम पद के लिए बीजेपी के सीनियर नेता सुशील कुमार मोदी ने भी शपथ ली है।
आपको बता दे कि बिहार में भ्रष्टाचार के एक मामले में फंसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को लेकर हुए विवाद के चलते बुधवार को अपने पद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था और देखते ही देखते 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार ज्यादा लम्बी नहीं चल सकी। नीतीश कुमार ने देर रात में ही बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थीI
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) 26 July 2017
सुशील कुमार मोदी (2.3-4) ने राज्यपाल से मुलाकात के उपरांत संवाददाताओं को बताया कि गठबंधन को समर्थन करने वाले 132 विधायकों की एक सूची राज्यपाल को सौंपी गई। उन्होंने बताया कि नीतीश को राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। इन विधायकों की सूचि में भाजपा के 53, जदयू के 71, लोजपा के दो, रालोसपा के दो, हम के एक और तीन निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण समारोह हुआ और मुख्यमंत्री के तौर पर नितीश कुमार का छठा कार्यकाल शुरू हुआI
बुधवार (26 जुलाई) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। नीतीश ने बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के मध्य राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे के बाद ही बिहार की पुरानी महागठबंधन की सरकार 20 महीने बाद गिर गयी। बता दे कि महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल के अतिरिक्त राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस सम्मिलित थीI
नीतीश ने कहा की गठबंधन धर्म का पालन जितना मुमकिन हो सका करने की पूरी कोशिश की
जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि जितना मुझसे संभव हो सका गठबंधन धर्म का पालन करने की पूर्ण कोशिश की। परन्तु बीते समय में हुई गतिविधि में जो चीजें सामने आईं उसमें कार्य करना कठिन हो गया था।
नीतीश कुमार ने कहा कि
"मुझे जब ऐसा लग गया कि वे कुछ कहने की अवस्था में नहीं हैं, तो मैं ऐसी स्थिति में जवाब नहीं दे सकता।सरकार का नेतृत्व मैं कर रहा हूं। परन्तु सरकार के भीतर के व्यक्ति के बारे में कुछ बातें कही जाती हैं और मैं उस पर कहने की स्थिति में नहीं हूं तो ऐसी स्थिति में इस सरकार को चलाने का मेरे ख्याल से कोई आधार नहीं है।"
यह तो आप भी जानते कि लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी सहित उनके परिवार के कई सदस्यों के विरुद्ध सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। जुलाई को पटना सहित देशभर में 12 स्थानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। वर्ष 2004 का यह मामला है, जिस समय लालू प्रसाद देश के रेलमंत्री थे। लालू पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे के दो होटल को एक निजी कंपनी को लीज पर दिलाया और उसके एवज में उन्हें पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई। इस घटनाक्रम के उपरान्त उनके (तेजस्वी यादव के) इस्तीफे की मांग उठी थी। इसी को लेकर महागठबंधन में दरारें उत्पन्न हो गई थीं। तेजस्वी ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था। जिसके कारण दरार बढ़ती गई और अंतत: इस्तीफा नीतीश ने दे दिया I
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