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भारतीय रेलवे कभी कभी ऐसे ऐसे काम कर देती है की उसका हर तरफ मजाक उड़ने लग जाता है। उत्तरप्रदेश से कुछ ऐसी हीं एक खबर आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया । एक बार फिर रेलवे ने गलती कर दी, इस बार रेलवे ने गलती से एक व्यक्ति की टिकट 1 हजार साल आगे की डेट की काट दी।
इस घटना के बाद कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे डिपार्टमेंट सबक सिखाया. Times of India की एक खबर के अनुसार उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में रेलवे ने 73 वर्षीय एक बुजुर्ग की एक हजार साल आगे की टिकट काट दी ।
ये पूरी घटना कुछ साल पुरानी है, बता दें की साल 2013 में 19 नवंबर के दिन एक रिटायर्ड प्रोफेसर श्री विष्णुकांत शुक्ला ने सहारनपुर शहर से जौनपुर तक जाने के लिए हीमगिरी एक्सप्रेस ट्रेन की टिकट खरीदी, टीटीई ने जब यात्रा के दौरान इनका टिकट चेक किया तो पाया कि विष्णुकांत शुक्ला की टिकट साल 3013 की है । ये सब देख कर टीटीई ने उन्हें मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन से बाहर जाने को कह दिया और वो बाहर निकल गए ।
प्रोफेसर श्री विष्णुकांत शुक्ला ने कहा- ''मैं सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कॉलेज के हिंदी डिपार्टमेंट के हेड पद से रिटायर्ड हुआ हूं। सीधी बात कहूं कि मैं फर्जी टिकट लेकर ट्रेन में ट्रेवल नहीं करता। टीटीआई ने मुझे सभी के सामने बेइज्जत किया और 800 रुपये फाइन चार्ज किया और ट्रेन से बाहर कर दिया ।“ उन्होंने आगे कहा की “जौनपुर मेरे लिए जाना जरूरी था क्योंकि मेरे दोस्त की पत्नी का देहांत हो गया था।''
विष्णुकांत शुक्ला ने इस बेइज्जती के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में लड़ाई लड़ी । ये केस पूरे 5 साल तक चला और इस मामले पिछले मंगलवार को कोर्ट ने विष्णुकांत शुक्ला के पक्ष में निर्णय सुनाया और रेलवे के ऊपर 10 हजार रुपये की पेनाल्टी चार्ज कर दी।
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