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भारत में आयोजित हुई भारत और आसियान देशों के मध्य
भारत में आयोजित हुई भारत और आसियान देशों के मध्य रजत जयंती के शिखर सम्मेलन पर पिछले दिनों पूरी दुनिया की नजर रही। ये सम्मेलन इसलिए भी ज्यादा चर्चित रहा क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन में सभी दस आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
I thank the @ASEAN leaders for joining the #RepublicDay celebrations. pic.twitter.com/bOP6QQgy54
— Narendra Modi (@narendramodi) January 26, 2018
भारत की “पूर्व की ओर देखो” वाली रणनीति के कारण ये सारे पूर्वी एशियाई देश भारत से घनिष्टता बढ़ाने के पक्षधर नजर आये। इन सभी छोटे मगर रणनीतिक देशों को साथ लेकर भारत एशिया में चीन की बढ़ती ताक़तों का मुकाबला आसानी से कर सकता है।
Presence of all @ASEAN leaders in India has touched every Indian. We are focussing on improving ties in trade, connectivity, tourism, technology, security with ASEAN countries. Sharing my remarks at the Plenary Session this evening. https://t.co/g1PXgYeLZF pic.twitter.com/7CPr0PK27t
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
भारत आसियान संबंधों की रजत जयंती पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन में जारी हुए घोषणा पत्र में दोनों पक्षों ने सहयोग और समन्वय के एक लम्बे अध्याय का आरम्भ किया। सम्मेलन में जारी किये गए घोषणापत्र के माध्यम से भारत और आसियान देशों ने दुनिया को यह बताया कि दोनों पक्ष वैश्विक तथा क्षेत्रीय समस्याओं के हल नियमानुसार उपर्युक्त क़ानून के माध्यम से और आपसी भावनाओं के सम्मान का ख्याल रखते हुए करेंगे।
We released a set of postage stamps which mark 25 years of ASEAN-India friendship. pic.twitter.com/Igxa9Y2zi0
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
जारी घोषणापत्र के अनुसार दोनों पक्ष अलग अलग क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है और इस प्रतिबद्धता के अनुरूप कार्य आगे भी अनुकूल गति से चलता रहे इसके लिए भी लगातार प्रयासरत रहने की बात की है। सम्मेलन में यह बात सबने मानी कि अगर ये सहयोग और समन्वय यूँ हीं जारी रहा और हम लोग इस पर हमेशा विचार विमर्श करते रहें तो भारत तथा आसियान देशों की ये दोस्ती दुनिया के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बन कर सामने आ सकती है।
Rashtrapati Ji, Vice President @MVenkaiahNaidu Ji and I with @ASEAN leaders. pic.twitter.com/VMVDOMrrey
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
भारत आसियान दोस्ती की सफलता की संभावनाएं बहुत ज्यादा है, ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि भारत और सभी दस आसियान देशों के बीच बहुत सारी बातें समान है। सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी दोनों पक्षों के बीच बहुत जुड़ाव देखने को मिलता है। ऐसा कोई मुद्दा नजर नहीं आता जिससे भविष्य में भी दोनों पक्षों के बीच किसी तरह की समस्या खड़ी हो पाए। अतः इस बेहतरीन स्थिति का हमे ज़रूर लाभ उठाना चाहिए और जो बातें इस शिखर सम्मेलन के दौरान कही गई उनका क्रियान्वयन भी जल्द किया जाना चाहिए।
ASEAN and India celebrate 25 years of a strong partnership that has benefitted the entire world. We seek to expand this cooperation in the years to come. @ASEAN pic.twitter.com/lLBXvWDv1X
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
भारत आसियान देशों का यह गठजोड़ कहीं न कहीं चीन को खटकेगा और इस रजत जयंती सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में भी दोनों पक्षों ने चीन को हिदायत दे दी है। चीन को ऐसी हिदायत देने की जरूरत भी थी, क्योंकि आज के जमाने में नहीं जब कोई देश विस्तारवादी सोच रखता है तो उसे इस तरह की हिदायत देना ज़रुरी हो जाता है। बीजिंग ने इसी तरह की मानसिकता हमेशा से अपनाई हुई है। भारत और आसियान देशों को इसी तरह आगे भी यह कहते रहना चाहिए कि चीन मनमानी करता है अपनी आर्थिक और सामरिक शक्तियों का भय दिखा कर।
My meetings with @ASEAN leaders continued today. Held productive discussions with the PM of Thailand, General Prayut Chan-o-cha. India and Thailand are cooperating extensively in the economic, cultural and security spheres. Our talks will add new vigour to bilateral ties. pic.twitter.com/6XGGiAw4Rx
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
इस घोषणापत्र में ना सिर्फ चीन बल्कि उस जैसे दूसरे देशों को भी आगाह कर दिया गया है। यही वजह है कि घोषणापत्र में सरहद पार के आतंकवाद का जिक्र भी मुख्य रूप से किया गया है। और इससे पाकिस्तान को भी एक संदेश गया है। आसियान और भारत के क्षेत्र में पाकिस्तान के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते है। पाकिस्तान से ओसामा बिन लादेन का मिलना और वक़्त वक़्त पर ऐसी खबर मिलना की भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम भी यही रहता है.. ये सारे तथ्य बताते हैं कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपने शासन का एक आधिकारिक अंग बना रखा है।
A wonderful article by @ASEAN Chair Singapore’s PM, Mr. @leehsienloong. It beautifully covers the rich history, robust cooperation and promising future of India-ASEAN relations. https://t.co/FPGfI1eLbj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2018
सम्मेलन में बड़ी सफलता से सभी दस आसियान देशों के संग मिल कर अपने दोनों प्रतिद्वंद्वी देश चीन और पाकिस्तान को एक साथ कठघरे में खड़ा कर देना भारत के वर्तमान मजबूत वैश्विक कूटनीति की ही एक सफलता कहलाएगी। ये रजत जयंती शिखर सम्मेलन चूँकि इस बार भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हुआ इसलिए इसे पूरी दुनिया भर में तबज्जो मिली।
दुनिया भर की मीडिया ने भारत और आसियान देशों की मजबूत होती एकजुटता को देखा, शायद ही किसी ने इस सम्मेलन की अनदेखी की होगी। ये रजत जयंती समारोह दस दक्षिण एशियाई देश और भारत के एक साथ मिलकर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की एक प्रभावी नीति का सूचक बना है। भारत इन सभी देशों में एक बड़े भाई की भूमिका निभा कर वैश्विक पटल पर विश्व शक्तियों को भी सफल नेतृत्व का एक अच्छा उदाहरण दे सकता है। आसियान देशों के साथ सफल रिश्तों का लाभ भारत को भी वैश्विक मंचों पर मिलेगा।
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