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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बुधवार ...
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बुधवार को कहा कि भारत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए सरकार की 2025 की समय सीमा से बहुत पहले आने वाले साल में हीं 2.1 की प्रतिस्थापन स्तर प्रजनन क्षमता के करीब पहुंच जाने की तरफ अग्रसर है। उन्होंने कहा की "कुल प्रजनन दर (टीएफआर) जो साल 2005 में 2.9 थी वो साल 2016 में 2.3 हो गई थी और अगर हम अब इस दर की गणना करते हैं तो यह वर्तमान में 2.2 तक पहुंच गया है। मैं आशा करता हूं कि अगले वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस पर, यह 2.1 के करीब आ जाएगा” उन्होंने ये सारी बातें जनसंख्या स्थिरीकरण पर आयोजित किये गए एक कार्यशाला में कही।
नड्डा ने आगे कहा कि टीएफआर में भारी गिरावट मंत्रालय द्वारा लाई गई थी, जिसने 2016 में एक रणनीति विकसित की और मिशन परिवार विकास की स्थापना की जिसने सबसे कमजोर जिलों की पहचान की और इन चुनिंदा जिलों में से प्रत्येक के लिए सूक्ष्म योजनाएं बनाई । "मिशन परिवार विकास” जो सात राज्यों में 146 जिलों पर केंद्रित है, एक व्यापक कार्यक्रम है जहां टीएफआर तीन से अधिक था। इन जिलों की यह सामाजिक योजना, आर्थिक व्यवस्था और शिक्षा जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया था।
नड्डा ने बताया की वर्तमान में, चूंकि देश का टीएफआर 2.2 तक पहुंच रहा है, कुल 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2.1 से नीचे टीएफआर स्तर है, नौ राज्यों में 3 से 2.2 के बीच टीएफआर है और तीन राज्य हैं जिनमें बिहार शामिल है का टीएफआर तीन से अधिक हैं, और यह 3.3 से 4.4 है। आज, भारत को मां, बच्चे और किशोरावस्था में उनके स्वास्थ्य के देखभाल की एक बहुत ही मजबूत प्रणाली मिली है, जिसके परिणामस्वरूप एमएमआर, आईएमआर और अंडर -5 मृत्यु दर कम हो गई है, जो विश्व गति से भी अधिक तेज़ी से कम हो रही है।
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