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अंडर 19 विश्व कप जीत कर भारत ने क्रिकेट में फिर मनवाया अपना लोहा

जे बात, हम क्रिकेट की दुनिया के सुपर पावर हैं, हमन

6 years ago
अंडर 19 विश्व कप जीत कर भारत ने क्रिकेट में फिर मनवाया अपना लोहा

जे बात, हम क्रिकेट की दुनिया के सुपर पावर हैं, हमने फिर एक बार ये साबित कर दिया है। न्यूजीलैंड की धरती पर हमारे अंडर 19 क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने फिर एक बार दुनिया भर में भारतीय क्रिकेट का लोहा मनवा दिया है। दो साल पहले हमारी भारतीय टीम इसी टूर्नामेंट के फाइनल में हारी थी पर इस बार उस हार का बदला चुकाते हुए फिर एक बार टीम इंडिया ने विश्व कप जीत लिया है। अंडर 19 क्रिकेट के इतिहास में भारत की ये चौथी विश्व कप जीत है। फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हरा कर ये कप जीता। ये एक एकतरफ़ा जीत थी। भारतीय खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलियाई लक्ष्य को इतनी आसानी से पार कर लिया जैसे वो कोई गली क्रिकेट का मैच खेल रहे हों। खिलाड़ियों पर किसी भी तरह का दवाब नज़र नहीं आ रहा था। फाइनल मैच में शानदार शतक बनाने वाले मनजोत कालरा तो इस तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे जैसे ये वर्ल्ड कप का फाइनल नहीं कोई स्कूल कॉलेज का मैच चल रहा हो। उन्होंने फाइनल मैच में धुआंधार शतक लगा कर बता दिया की वो जल्द हीं भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम में आने के दावेदार हैं।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी। अच्छी शुरुआत के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम बिखरने लगी और 12वें ओवर के आते आते उनके तीन शीर्ष बल्लेबाज पवेलियन वापिस लौट गए। इस समय तक आस्ट्रेलया का स्कोर सिर्फ 59 था।  इसके बाद मध्यक्रम ने स्थिति सम्हाली और जोनाथन मेर्लो तथा परम उप्पल ने ऑस्ट्रेलियाई स्कोर कार्ड को आगे बढ़ाया। आगे चल के मैकस्वीनी ने भी अच्छी पारी खेली। चौथे और पांचवें विकेट के लिए क्रमशः 75 और 49 रन की साझेदारी से 39 ओवर तक स्कोर 183 पहुँच गया।  इस समय लग रहा था की ऑस्ट्रेलिया करीब 280-290 रन तक आराम से बना लेगा। पर इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने जबर्दस्त गेंदबाज़ी कर के खेल बिलकुल बदल कर रख दिया।

39 ओवर में 183 रन बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम अगले 33 रन बनाते बनाते ऑल आउट हो गई। शिव सिंह, नागरकोटी, शिवम मावी और रॉय ने बेहतरीन गेंदबाज़ी कर के खेल बदल दिया। जो टीम 280-290 तक बना सकती थी वो 216 आते आते ऑल आउट हो कर पवेलियन वापिस लौट गई।आधे मैच के बाद हीं भारतीय टीम की पकड़ मजबूत दिखने लगी थी।  भारतीय बैटिंग के आगे ये स्कोर कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं करने वाला था।

पृथ्वी शॉ तथा मनजोत कालरा के ओपनिंग जोड़ी ने भारतीय पारी को शुरुआत से हीं टॉप गेयर में पहुंचा दिया। दोनों ने तूफानी शुरुआत की। दोनों ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बड़ी आसानी से खेल रहे थे। 12वें ओवर तक भारत का स्कोर 71 रन बिना किसी विकेट के हो चुका था। इसी समय पृथ्वी का विकेट गिर गया, वो 29 रन बनाने के बाद बोल्ड हो कर पवेलियन लौट गए।  विकेट गिरने के बाद भी मनजोत का बल्ला रन बरसाता रहा। पृथ्वी की जगह आये शुभमन गिल ने आते के साथ ताबड़तोड़ 31 रन बना डाले। 31 रन बनाने के बाद गिल जब आउट हुए तब तक जीत के लिए ज़रुरी लक्ष्य 100 से भी नीचे आ गया था। इसके बाद भारत ने कोई और विकेट नहीं खोया और मैच बड़ी आसानी से जीत लिया। मनजोत कालरा ने अपना शानदार शतक पूरा किया और अंत तक नॉट आउट रहे। मात्र 38.5 ओवर खेल कर भारत ने ये मैच जीत लिया और विश्व विजेता बन गए।

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