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भारत के सरकारी तंत्र में हर स्तर पर आपको कहीं ना कहीं आरक्षण ज़रूर देखने को मिल जायेगी। स्कूल, कॉलेज से लेकर नौकरियों तक में हम आरक्षण देखते आये हैं। बहुत सारे लोग आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार रखते हैं पर भारत में वोट बैंक की राजनीति ने आरक्षण को एक राजनैतिक यंत्र बना कर रख दिया है जिससे एक वर्ग विशेष का वोट अपने पक्ष में किया जाता है। बहरहाल सरकारी तंत्र के बाद अब महाराष्ट्र में स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के पुजारी के चाहें में भी आरक्षण लागू करने की खबर आ रही है।
ज़ी न्यूज़ की खबर के अनुसार महाराष्ट्र के महालक्ष्मी मंदिर में अब पुजारियों के सेलेक्शन के लिए परीक्षा के आयोजन की भी बात हो रही है। इस बाबत एक बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास करवा लिया गया है। इसके साथ हीं बताया जा रहा है की कोल्हापुर में अवस्थित इस महालक्ष्मी मंदिर में पूजा करने वाले पुजारियों के सेलेक्शन में अब महिलाओं को 50 प्रतिशत तक आरक्षण भी देना निश्चित किया गया है। बता दें की इससे पहले ऐसी हीं परीक्षा के द्वारा पुजारियों के सेलेक्शन की व्यवस्था शिरडी के प्रसिद्ध साईं मंदिर में में पहले से ही आरम्भ हो गई है।
50% reservation for women in Kolhapur’s Ambabai temple approved https://t.co/qq3g8ugejG pic.twitter.com/rKg9kYV1GT
— DNA (@dna) March 29, 2018
तो अब ये निश्चित हो गया है की अब महाराष्ट्र के अंदर पुजारियों का सलेक्शन परीक्षा के द्वारा होगा इस आदेश का बिल वहां की विधानसभा में पास कर दिया गया है। महाराष्ट्र के कोल्हापूर में सरकार के इस निर्णय का लोगों ने खुले दिल से स्वागत किया है। इसके साथ हीं अब यहां अब सभी पुजारीयों में पचास फीसदी पुजारी महिलाएं भी होंगी।
कुछ दिनों पहले कोल्हापुर के इसी महालक्ष्मी मंदिर में एक पुजारी हटाओ नाम का आंदोलन चला था। ये आंदोलन दरअसल मंदिर में मनमानी कर के पैसे ऐंठते रहने वाले लालची पुजारियों को उनके पद से हटाने कि लिए किया गया था। इस आंदोलन में वहां के आम लोगों ने भी भाग लिया था। जब इस आंदोलन की जानकारी विधानसभा तक पहुंची तब महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले को लेकर विधानसभा में ये बिल ले कर आई और इसे पारित भी करवा दिया। बताया जा रहा है की इस बिल पर जल्द ही राज्य के राज्यपाल की भी मुहर लग जायेगी और यह राज्य का कानून बन जाएगा।
बहरहाल आशा है की इस बिल के माध्यम से मंदिरों के अंदर होने वाले भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल जायेगी पर एक वर्ग इस से जुड़े आरक्षण मॉड्यूल पर आपत्ति भी जाता रहा है। जहां एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिक्षा से आरक्षण को मुक्त कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मंदिरों में आरक्षण देने पर कई लोगों को आपत्ति भी है।
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