v
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को SC/ST Act में बदलाव का फैसल
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को SC/ST Act में बदलाव का फैसला दिया था। जिसके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 2 अप्रैल को भारत बंद किया गया। ऐसा आखिरकार किसके कहने पर और क्यों किया गया? किसके कहने पर इतना बड़ा दलित आंदोलन सामने आया? दरअसल यह सभी सवाल इसलिए उठ रहे है क्योंकि इस आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों ने फायदा उठाते हुए देश में हिंसा फैलाई है। जिसमें लोगों की जाने तक गई है। इस हिंसा ने देश को आग की लपटों में तब्दील कर दिया है। क्या यह सच में एक आंदोलन था या फिर देश में हिंसा फैलाने का एक रास्ता था?
इस आंदोलन को शुरू करने वाले संगठन या किसी नेता का नाम सामने नहीं आया है। हालाँकि यह सच है कि अलग अलग राज्यों में अलग अलग संगठन और बैनर के टेल इस आंदोलन को अंजाम दिया गया है, लेकिन इस पीछे मुख्य किरदार निभाने वाला कौन है यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।
इस बात की पुख्ता जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है कि भीम आर्मी, नेशनल कन्फेडरेशन फॉर दलित आर्गेनाइजेशन (NACDOR) या किसी अनाम दलित संगठन में से आखिर किसने इस आंदोलन की एक सप्ताह पहले घोषणा की थी। इसके अलावा ख़ुफ़िया एजेंसी इस बात की तहकीकात में भी लगी है कि 'देश संविधान से चलता है न कि फासिज्म से' का नारा किसने दिया था। इस हिंसक आंदोलन के दौरान कई जगह तख्तियों पर इस तरह के नारे भी दिखाई दिए है।
इस बड़े हिंसक आंदोलन का असली मास्टरमाइंड कौन है। यह जानने के लिए ख़ुफ़िया एजेंसी पूरी तरह से लगी हुई है। लेकिन इस आंदोलन के बाद यह तो साबित हो गया कि लोकल इंटेलीजेंस यूनिटें जमीनी स्तर पर इसका आकलन करने में असमर्थ साबित हुई है।
#BharatBandh over SC/ST protection act: Visuals of protest from Ghaziabad pic.twitter.com/MIpJXCZBaA
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
यह बात भी सच है कि प्रत्यक्ष रूप से ना सही लेकिन इस भयावह आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों से भरपूर समर्थन मिला है। ऐसे में एक सवाल उठना लाजमी है कि आखिर अपने राजनीतिक हिट में फैसले लेने वाली पार्टियां आखिरकार दलितों के पीछे क्यों खड़ी है। इन सभी सवालों की तह में जाने पर यह समझा आया कि 2019 चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपना दलित प्रेम प्रदर्शित करने की कोशिश कर रही है। इस बात की पुष्टि सभी बड़ी पार्टियों के ट्विटर एकाउंट्स पर आप भी देख सकते है।
?????? ?? ?????? ???? ?? ???? ????? ?????? ?? ???? RSS/BJP ?? DNA ??? ??? ?? ?? ??? ?? ?????? ???? ?? ??? ?? ????? ?? ????? ????
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
?????? ???? ???-??? ?? ?????? ?? ????? ???? ????? ?? ???? ???????? ?? ????? ?? ???? ?? ??? ????
?? ???? ???? ???? ????#BharatBandh
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “ दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है। उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।”
AAP SC/ST ???????? ?????? ??????? ?? ???? ??? ??????? ????? ?? ?????? ?? ??????? ??? ?????? ??? SC/ST ???? ?? ?????? ?? ??? ??? ?????? ????? ??????? ????? ??? ?????? ?? ??? ??? ?? ???? ???? ?????? ?????? ???? ? ???? ?? ????? ?? ???? ???????? ?? ???????? ??? ???
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 2, 2018
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस आंदोलन का समर्थ करते नजर आये उन्होंने इस आंदोलन के विषय में ट्विटर पर लिखा “AAP SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्पन्न हुई स्थिति में SC/ST समाज के आंदोलन के साथ है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए देश के जाने माने वरिष्ठ वकीलों लगाए व एक्ट की जरूरत और उसकी मूलभावना को संरक्षित रखा जाए।”
वही उनकी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने भी इस मुद्दे पर ट्विटर पर लिखा कि
SC/ST act ?? ?????? ???? ???? ??????? ????? ?? ?????? ?? ????? ??? ???? ?? ???? ???? ?? ???? ???????? ???? ???? ! ?????? ?? ??? ?????? ?? ?? ?? ??? ??? ???? ???? ??? ???? ?
— ashutosh (@ashutosh83B) April 2, 2018
????? ?? ?? ???? ‘????-????’ ?? ?? ? ?? ?? ?????? ?? ????????? ?????? ?? ????? ?? ??? ??? ?? ? ???? ??????? ???? ?? ?? ??? ?? ??? ? ???? ????? ?? ?? ?????? ?? ??? ??? ?? ?? ????? ?? ??? ?? ?? ????? ????? ??, ?? ???? ???? ??? ???? ?????? ?? ????? ?? ?????? ?? ???? ?? ?? ??? ???
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 2, 2018
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर राजनीती करने से पीछे नहीं रहे उन्होंने लिखा कि “सरकार की ये कैसी ‘दलित-नीति’ है कि न तो वो दलितों की मूर्तियां तोड़ने से लोगों को रोक रही है न उनकी हत्याएं करने से और ऊपर से नाम व एक्ट बदलने की भी साज़िश हो रही है। ये सब क्यों हो रहा है और किसके इशारे पर, ये बड़ा सवाल है। क्या दलितों को सरकार से मोहभंग की सज़ा दी जा रही है?”
बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती
बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस मामले में कहा कि "मैं एससी/एसटी अधिनियम के खिलाफ विरोध का समर्थन करती हूं। मुझे पता चला है कि विरोध के दौरान कुछ लोगों ने हिंसा फैलाई, मैं इसकी निंदा करती हूं। हमारी पार्टी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के पीछे नहीं है।"
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “We are shocked and pained that some of my Dalit brothers and sisters have been killed and injured. We support their cause. I appeal for peace.”
इन सभी राजनेताओं के ट्वीट्स तो यही बताते है कि दलित समुदाय इस आंदोलन के लिए समर्थन देने वालों में राजनीतिक पार्टियां बिलकुल पीछे नहीं रही है। जिसका खामियाजा देश की मासूम जनता और पूरा देश भुगत रहा है।
WATCH: Protesters resort to stone pelting in Bhind during #BharatBandh over the SC/ST Protection Act. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/40KmhV3Ckm
— ANI (@ANI) April 2, 2018
जबसे योगी आदित्यनाथ कि
8 years ago
Still Unfold
आपने हमेशा सोनू निगम को अपनी आवाज को लेकर चर्चा म
8 years ago
Still Unfold
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की...
7 years ago
Still Unfold