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यूपी के मुख्यमंत्री
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार कानून व्यवस्था दुरुस्त करके ही मानेंगे, इसलिए उन्होंने अधिकारियो को दफ्तरों में पूरा समय देने के लिए कहा है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया है कि सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक हर हाल में ऑफिस में रहें। योगी के इस आदेश के बाद से यूपी सरकार के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का अब दोपहर में गायब रहना और पुराने दोस्त से मिलना मुश्किल हो जायेगा।
योगी ने बस निर्देश नहीं दिया बल्कि योगी यह भी चेक करेंगे कि अधिकारी इन निर्देशों पर अमल भी कर रहे है या नहीं। इसके लिए वे किसी भी वक्त, किसी भी अधिकारी को ऑफिस के लैंडलाइन पर फोन कर सकते हैं।
योगी ने यह भी कहा कि यदि अधिकारी उस दौरान अपने ऑफिस में नहीं मिले तो उनको बाहर या फील्ड में जाने के बारे में यथोचित कारण बताना होगा, ऐसा न होने पर उनको दंडित किया जा सकता है।
प्रदेश सरकार के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को कहा, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि अधिकारी कामकाज और कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिहाज से दफ्तर में पूरा समय दें.'
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री सुबह नौ बजे से शाम छह बजे के बीच किसी भी वक्त किसी भी अधिकारी को उनके ऑफिस के लैंडलाइन में फोन कर सकते हैं.’
फील्ड जॉब वाले अफसरों को इस मामले में थोड़ी राहत दी गयी है। इसके पीछे योगी का सोचना है, अफसर दफ्तर में रहेगा तो जूनियर भी उन्हें उदाहरण मानेगा। इसके अलावा योगी ने सभी वरिष्ठ अधिकारियो को घर पर बने दफ्तर बंद करने के आदेश भी दिए है।
आपको बता दे कि योगी ने सीएम का पद सँभालते वक्त ही कहा था कि अबसे 18-20 घंटे काम करना होगा। जो लोग 20 घंटे काम करने को तैयार है वही लोग उनके साथ काम कर पायंगे। इतना ही नहीं सीएम ने दफ्तरों में बायोमेट्रिक हाजरी सिस्टम लगाने को भी कहा है। साथ ही साथ 15 सरकारी छुट्टिया भी कैंसिल कर दी गई है। सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के बाद योगी उनके आदेशों का पालन होने ना होने की जाँच करेंगे।
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