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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 जून 2015 को हाउसिंग फॉर मिशन के तहत एक योजना लांच की थी। इस योजना का नाम 'प्रधानमंत्री आवास योजना' है जिसके अनुसार 2022 तक सभी के लिए अपना खुद का घर खरीदना मुमकिन हो पायेगा। इस स्कीम को लेकर आम बजट में भी कई घोषणाएं की गई हैं, जिसके चलते लोगों के लिए घर खरीदना आसान हो जायेगा।
सालो पहले की बात करे तो हर साल सरकारें बजट में 'सबके लिए आवास' 'फलां का सपना गरीब को घर मिले अपना'. इस तरह के नारे सुनने को मिलते थे, लेकिन हकीकत में ऐसा मुमकिन हो नहीं पा रहा था। किन्तु मोदी सरकार के साथ ऐसा नहीं है, साल 2022 तक सभी को घर वाले वादे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार अपने प्लान में पूरी तरह से जुट गई है।
पीएमओ ने सरकारी विभागों को जमीन की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी विभागों को ऐसी जमीन ढूंढ़ना है जिसकी बहुत ज्यादा जरूरत नहीं हो। पीएमओ द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी विकसित सरकारी कॉलोनियों में ऐसी जमीन को तलाश करने के लिए कहा गया है, क्योंकि ऐसी जमीनों को ढूंढ़कर, सस्ती आवासीय योजनाओं को बनाया जा सकता है।
दरहसल सरकार ऐसी खाली पडी गैर उपयोगी जमीनों का एक बैंक बनाना चाहती है। देशभर में राज्यों के पास जमीन की कमी के कारण ऐसी आवासीय योजनाएं शुरु करने में दिक्कात आ रही है।
इस योजना को लेकर मोदी काफी गंभीर है। मोदी को उम्मीद है कि जल्द ही जमीनों की तलाश की जा सकेगी और फिर इसके बाद राज्य सरकार को कहा जाएगा कि वो इन जमीनों की उपलब्धता को लेकर प्रस्ताव भेजें।
कुछ सूत्रों के मुताबित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरी लैंड बैंक तैयार करने और सस्ती आवासीय योजनाओं की प्रगति पर पीएमओ बेहद बारीकी से नजर रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्य दूसरों की तुलना में बेहतर कर रहे हैं।
इन राज्यों ने लाभार्थियों की सूची तैयार कर ली है और वहा जमीन की उपलब्धता को लेकर भी कोई समस्या नहीं है। सभी मंत्रालयों को भी आदेश दिए हैं कि वे एक ऐसी सूची तैयार करें कि किन-किन कॉलोनियों में नए घरों का निर्माण किया जा सकता है।
केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने इस पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने विकसित सरकारी कॉलोनियों में जमीनों का बैंक बनाना शुरू कर दिया है और अच्छी बात यह है कि इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं इसलिए इसकी मंजूरी में किसी तरह की समस्या आड़े नहीं आएगी। आपको बता दे कि अब तक केंद्र सरकार 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 90,000 करोड़ रुपए के आवासीय प्रोजेक्ट को अपनी मंजूरी दी है।
केंद्र सरकार ने अब तक 16. 42 लाख तक किफायती घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इनमे सबसे ज्यादा घर इन राज्यों में बनेंगे -
आपको यह भी बता दे कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान ही भाजपा ने वर्ष 2022 तक सबको घर देने का वादा किया था और लगता है कि इस बार यह वादा पूरा होने वाला है।
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