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भारत के रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले ही अमेरिका को जबरदस्त झटका देते हुए 16 हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा अब रद्द कर दिया है। अमेरिकी विमानन निर्माता कंपनी सिकोरस्की एयरक्राफ्ट से 6,500 करोड़ रुपये में भारतीय नौसेना के लिए 16 हेलिकॉप्टर खरीदने की डील की गयी थी। रक्षा मंत्रालय के इस फैसले का कारण हेलिकॉप्टर की कीमत को लेकर बात न बनाना है।
रक्षा क्षेत्र में इम्पोर्ट को कम करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सैन्य क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को प्रोमोट करने का फैसला किया है। आपको बता दे कि पीएम मोदी 25 जून को अमेरिका जायेंगे, जहां वो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से केवल दो हफ्ते पहले रक्षा मंत्रालय का यह फैसला सबके सामने आया है। अब देखना यह होगा कि इस फैसले का असर पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा पर कैसा पड़ता है।
Press Release-PM @narendramodi to visit US at the invitation of @POTUS on 25-26 June. @SushmaSwaraj pic.twitter.com/rrACUcPbNU
— India in USA (@IndianEmbassyUS) 12 June 2017
सेना के आधुनिकीकरण के लिए बजट में वृद्धि नहीं होने से रक्षा मंत्रालय को सैन्य उपकरण और विमानों की कीमत कम कराने के लिए सौदेबाजी करना पड़ रहा है। इसी के चलते रक्षा मंत्रालय ने 16 हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा निरस्त कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के द्वारा हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा पिछले 2 सालों से चल रहा है लेकिन ये पूरा नहीं हो पा रहा है। अमेरिकी विमानन निर्माता कंपनी सिकोरस्की की ओर से इस सौदे की समय सीमा बढ़ाने से मना करने के बाद भारत ने यह फैसला लिया है।
ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी और ट्रम्प की 3 बार फ़ोन पर बात हुई है। अब 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात व्हाइट हाउस में होगी। जो कि ट्रंप के शासन में मोदी की पहली यात्रा होगी। अमेरिका के साथ इस मुलाकात से पहले कई ऐसी बातें हो चुकी हैं। जिन्होंने दोनों देशों के बीच रिश्तों में चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले गुरुवार को पेरिस जलवायु समझौते पर भारत की आलोचना की थी। ट्रंप ने कहा था कि
”भारत ने विकसित देशों से अरबों डॉलर की विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए समझौते में भागीदारी की है। कई अन्य उदाहरण हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि पेरिस समझौता अमेरिका के लिए अन्यायपूर्ण है।”
हालांकि, भारत और अमेरिका आतंकवाद तथा पाकिस्तान को सबक सीखने को लेकर साथ खड़े है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर जरूर कुछ बात होगी। साथ ही H1-B वीज़ा नियमों को देखते हुए भी पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम बताया जा रहा है।
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