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2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी साध्
2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बंबई उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार 25 अप्रैल के दिन जमानत दे दी है। लेकिन सह आरोपी और पूर्व ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित की अर्जी ख़ारिज करते हुए किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने साध्वी प्रज्ञा की जमानत की अर्जी मंजूर करने के साथ ही उन्हें पांच लाख रुपये का मुचलका भरने का भी आदेश दिया है। साध्वी को इतनी ही राशि की दो अलग-अलग जमानती राशि जमा करानी होगी। इसके साथ ही इन्हे एनआईए के पास पासपोर्ट जमा कराने और अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश भी मिला है।
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और शालिनी फनसाल्कर जोशी की खंड पीठ ने कहा कि, ‘साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की अपील को मंजूरी दी जाती है. याची (साध्वी) को पांच लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है. प्रसाद पुरोहित की ओर से दायर अपील को खारिज किया जाता है.’
न्यायमूर्ति मोरे ने मंगलवार के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए यह भी कहा कि, ‘हमने अपने आदेश में कहा है कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।’
आपको बता दे 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में (4.1-2) एक बाइक में बम लगाकर कार्य को अंजाम दिया गया था। विस्फोट में आठ लोगों की मौत हुई थी और 80 लोग जख्मी हो गए थे। इसके बाद साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं।
कोर्ट से जमानत मिलने पर साध्वी के एक रिश्तेदार भगवान झा ने कहा कि परिवार राष्ट्रव्यापी स्तर पर जश्न मनाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने अदालत के बाहर चॉकलेट भी बाटी और संवाददाताओं से कहा कि, ‘आखिरकार हम जीत गए. अब हम राष्ट्रीय स्तर पर जश्न मनाएंगे.’
आपको बता दे कि अदालत साध्वी और पुरोहित की ओर से अर्जित की गयी अपीलों की सुनवाई कर रही थी, लेकिन अदालत ने पहले उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
फिलहाल कोर्ट के पास साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पीड़ितों के परिवार ने साध्वी प्रज्ञा की जमानत अर्जी के खिलाफ हस्तक्षेप अर्जी दायर की हुई है। उन्होंने अदालत से आदेश पर रोक लगाने की अपील भी कि क्योंकि वे इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करना चाहते है।
जांच एजेंसी के अनुसार, विस्फोट को दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने कथित तौर पर अंजाम दिया था और पुरोहित और प्रज्ञा सहित कुल 11 लोग इस मामले में अभी जेल में है।
बाद में यह मामला एनआईए को दे दिया गया। उसने पहले उच्च न्यायालय से कहा था कि उसे साध्वी की अर्जी पर ‘कोई आपत्ति’ नहीं है। लेकिन 28 जून को एनआईए की एक स्पेशल कोर्ट ने भी साध्वी प्रज्ञा तथा कर्नल प्रसाद पुरोहित की जमानत से इंकार कर दिया। इसके बाद इन दोनों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।
साध्वी ने अपनी अर्जी में कहा कि निचली अदालत उसके मामले में बदली स्थितियों का संज्ञान लेने में विफल रही है, जिसमें एनआईए ने अपने आरोप पत्र में उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाने और उसके खिलाफ अभियोजन हटा देने की बात कही थी।
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