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जीएसटी को मोदी ने बताया "गुड एड सिंपल टैक्स" - जाने उनके भाषण के मुख्य बिंदु

भारत में शनिवार 12 बजे से एक देश एक टैक्स यानि जीएस...

7 years ago
जीएसटी को मोदी ने बताया "गुड एड सिंपल टैक्स" - जाने उनके भाषण के मुख्य बिंदु

भारत में शनिवार 12 बजे से एक देश एक टैक्स यानि जीएसटी का आगाज हो गया है। संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभ और राज्यसभा के तकरीबन सभी सांसदों और खास लोगों से भरे इस हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर इसकी शुरुआत की। संसद भवन से आजादी के सबसे बड़े सुधार कर जीएसटी के लांच पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोलते हुए कहा कि यह नई कर व्यवस्था गरीबों के लिए समर्पित है। आइये जानते है इस अवसर पर मोदी जी द्वारा दिए गए भाषण की मुख्य बातें –

  • मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में कई बार ऐसे पल भी आते है। जब हम किसी नए मोड़ की तरफ जाते है। आज इस मध्यरात्रि से हम देश के आगे का नया मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे है।  
  • सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। 
  • मोदी ने कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया केवल अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं है बल्कि यह भारतीय संघीय ढांचे के लिए बहुत बड़ा अवसर है। 
  • उन्होंने कहा कि यह किसी एक सरकार का नहीं बल्कि हम सबके साझा प्रयास के जरिए सफल हुआ है। यह किसी एक दल की सिद्धि नहीं बल्कि हम सबकी साझा विरासत है। 
  • संघीय ढांचे के नई व्यवस्था के लिए संसद से पवित्र स्थान और कोई नहीं हो सकता इसलिए आज हम जीएसटी को इस पवित्र स्थान से लॉन्च किया। आज आजादी के कई वर्षों बाद हम एक नई अर्थव्यवस्था के लिए हम यहां मौजूद हैं।        


  • मोदी ने बताया कि जीएसटी से गरीबों का भला होगा, क्योंकि उन्हें ध्यान में रखकर ही इसे तैयार किया गया है।
  • अब एक देश एक टैक्स का सपना पूरा होगा। अभी तक देश में 500 से ज्यादा अलग-अलग टैक्स लगते थे। जिनसे अब देश को मुक्ति मिल रही है।    
  • जीएसटी से आर्थिक एककीकरण का काम होगा।
  • उन्होंने बताया कि नई कर व्यवस्था से डरने की कोई जरुरत नहीं है। इससे ईमानदार व्यापारी को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। जीएसटी से कच्चे बिल और पक्के बिल का खेल खत्म हो जायेगा।     
  • जीएसटी से हिंदुस्तान के सभी राज्यों को सामान विकास में मदद मिलेगी फिर वो चाहे नॉर्थ-ईस्ट के ही राज्य क्यों न हो।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस तरह से गीता में 18 अध्याय हैं वैसे ही जीएसटी काउंसिल की भी अभी तक 18 बैठकें हुई हैं। यह शुभ संयोग है। 
  • संविधान निर्माण 2 साल 17 दिन तक चला था। जीएसटी भी लंबी विचार प्रक्रिया का परिणाम है।
  • मोदी ने चाणक्य को भी अपने भाषण में जगह देते हुए कहा कि चाणक्य ने कहा था कि कोई व्यक्ति कितनी ही दूर क्यों न हो, कठिन परिश्रम से उसे प्राप्त किया जा सकता है।
  • 500 से ज्यादा रियासतें थीं, देश को मिलाकर एकीकरण न किया गया होता, भारत का राजनीतिक मानचित्र कैसा होता, सरदार वल्लभपाई पटेल ने जिस तरह देसी रियासतों को मिलाकर एकीकरण का बड़ा काम किया था ठीक उसी तरह जीएसटी ने भी इस देश में एकीकरण की बड़ी मिसाल पेश की है।

  • अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि इनकम टैक्स समझना दुनिया की सबसे कठिन चीज था। राज्यों के अलग-अलग टैक्स के कारण असामनता दिखती है। इन सारी विविधताओं के कारण नागिरकों में कंफ्यूजन रहती थीं। आज हम कंफ्यूजन के इस माहौल को खत्म कर मुक्ति की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
  • जीएसटी (2.2-5) सिर्फ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं है वे ऑफ बिजनेस है। आर्थिक रिफॉर्म से ज्यादा सामाजिक रिफॉर्म है जीएसटी। 
  • कानून की भाषा में जीएसटी गुड्स एंड सर्विस टैक्स के तौर पर जाना जाता है लेकिन सामान्य भाषा में गुड एड सिंपल टैक्स है जीएसटी।

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