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दिल्ली के बरार स्क्वायर में भारतीय वायु सेना के
दिल्ली के बरार स्क्वायर में भारतीय वायु सेना के दिवंगत मार्शल अर्जन सिंह जी का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय जमीन पर तोपों से सलामी दी जा रही थी, तो आसमान में तिरंगे के साथ मंडराते हेलीकॉप्टर ऐसा लग रहा था कि कह रहे हों कि भारतीय एयरफोर्स आपके योगदान को हमेशा याद रखेगा।
Fly past held, tributes being paid at last rites ceremony of Marshal of the Air Force #ArjanSingh at Delhi's Brar Square. pic.twitter.com/fIYWf15TyM
— ANI (@ANI) 18 September 2017
Gun salute & fly past held at last rites ceremony of Marshal of the Air Force #ArjanSingh at Delhi's Brar Square. pic.twitter.com/28xxEpOj4I
— ANI (@ANI) 18 September 2017
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई गणमान्य लोगों ने मार्शल अर्जन सिंह जी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उनके सम्मान में सरकारी इमारतों पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है।
Last rites ceremony of Marshal of Air Force #ArjanSingh continues at Delhi's Brar Square. pic.twitter.com/VwyRTdNHQb
— ANI (@ANI) 18 September 2017
सेना की सजी हुई गाड़ी में देश के वीर सपूत के शव को लाया गया। अंतिम संस्कार के तहत वायुसेना के विमानों के साथ बंदूकों की सलामी दी गई। एयर फोर्स के 8 जवान उनके पार्थिव शरीर को लेकर आएI उन्हें एयरफोर्स के सीनियर रैंक के विंग कमांडर ने सलामी दीI उनके आवास पर इसके पहले रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सहित बहुत से गणमान्य लोग पहुंचे थे। शनिवार को उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआI उनकी उम्र 98 साल की थी।
Visited the residence of Marshal of the IAF Arjan Singh to pay tributes to him & extended condolences to his family members. pic.twitter.com/rpzbavzj5z
— Narendra Modi (@narendramodi) 17 September 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अपनी एक दिवसीय गुजरात यात्रा से लौटने के पश्चात् सीधा राष्ट्रीय राजधानी में सिंह के आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले पीएम उन्हें अस्पताल में भी मिलने गए थेI श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम उनके परिवार से मिलेI
संवेदना पुस्तिका में मोदी ने सिंह के आवास पर गुजराती में लिखा,
'बहादुर सैनिक को मेरी श्रद्धांजलि जिनमें योद्धा का शौर्य और शिष्टाचार था. उनका जीवन भारत माता को समर्पित था.'
At the residence of Marshal of the IAF Arjan Singh, PM @narendramodi wrote a few lines in the condolence book. pic.twitter.com/X28kNZ8hfm
— PMO India (@PMOIndia) 17 September 2017
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— President of India (@rashtrapatibhvn) 17 September 2017
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 7 कौटिल्य मार्ग स्थित सिंह के आवास पर पहुंचे। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं राष्ट्रपति। तीनों सेनाओं के प्रमुख- एयर चीफ मार्शल बिरेन्द्र सिंह धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा और थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के साथ आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप पुरी भी वहां उपस्थित थे।
#WATCH Live: Last rites ceremony of Marshal of Air Force #ArjanSingh at Delhi's Brar Square. https://t.co/oBXshXJDsJ
— ANI (@ANI) 18 September 2017
अन्य गणमान्य लोगों में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश राज्य मंत्री और पूर्व थलसेना प्रमुख वी के सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी तथा कांग्रेस नेता कर्ण सिंह भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इनके अतिरिक्त बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी वहां पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दी।
एस पी त्यागी, एन सी सूरी और ए.वाई. टिपनिस जैसे पूर्व वायुसेना अध्यक्षों के साथ ही कई अन्य सम्मानित अधिकारियों ने भी अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि दी। इन्होने 1965 के युद्ध में उनके अनुसार कार्य किया था।
फाइव स्टार रैंक वाले अधिकारी को थलसेना प्रमुख जनरल रावत ने लीजेंड बताया। उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और वह परोपकारी थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने वायुसेना प्रमुख के रूप में उनके योगदान का भी जिक्र किया।
संवाददाताओं से वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा कि यह श्रेय उन्हीं को है शुरूआती झटकों के पश्चात् भी हम दुश्मन को परास्त करने में सफल रहे और जम्मू कश्मीर को अलग करने के उनके इरादों को असफल कर दियाई।
वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक थे अर्जन सिंह (3.1-9)। साथ ही वे इकलौते वायु सेना अधिकारी थे जिन्हें 'फाइव स्टार रैंक' दिया गया था। उन्हें 44 साल की उम्र में ही भारतीय वायु सेना का नेतृत्व करने का उत्तरदायित्व दिया गया। उन्होंने जिसे प्रभावशाली तरीके से निभाया। जब भारतीय वायु सेना वर्ष 1965 की लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर थी, तब वह उसके प्रमुख थे।
सिंह ने अलग-अलग तरह के 60 से भी ज्यादा विमान उड़ाने वाले भारतीय वायु सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक बनाने और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में अहम भूमिका का निर्वहन किया। बहुत कम बोलने वाले शख्स के तौर पर पहचाने जाने जाते थे अर्जन सिंह।
वह ना सिर्फ निडर लड़ाकू पायलट थे, बल्कि उनको हवाई शक्ति के बारे में पूर्ण ज्ञान भी था। जिसका वह हवाई अभियानों में व्यापक रूप से उपयोग करते थे। 1965 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया गया था।
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