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आम बजट 2018-2019: जाने कितना असर पड़ेगा आपकी जेब पर

प्रत्येक साल बजट में जारी किया जाने वाले आर्थिक

7 years ago
आम बजट 2018-2019: जाने कितना असर पड़ेगा आपकी जेब पर

प्रत्येक साल बजट में जारी किया जाने वाले आर्थिक विश्लेषण के विषय में हम बिना किसी शक के यह कह सकते हैं कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊपर सबसे सटीक और प्रमाणिक दस्तावेज साबित होती है। पिछले कुछ सालो से इन आर्थिक विश्लेषणों की गुणवत्ता में बहुत ज्यादा सुधार हुआ है। इस सुधार का मुख्य कारण यह है कि अबकी सरकार पुरानी सरकारों के बनिस्पत ज्यादा अधिक प्रमाणिकता और पारदर्शिता से आर्थिक आंकड़े जारी कर रही है। 

पुराने ज़माने की सरकारों के पारम्परिक बजट में बजट की बारीकियों को गुप्त रखने का रिवाज़ था और उसे आमतौर पर गोपनीय ही रखा जाता था। परन्तु मोदी सरकार इन पुरानी पारम्परिक और अस्पष्ट परम्परा को खत्म कर रही है। वर्तमान सरकार ये मानती है कि बजट की पारदर्शिता इसे और ज्यादा तार्किक बनाती है और लोग इस पर खुल कर चर्चा करते हैं, इसके प्रावधानों को समझते हैं। बिना वजह की गोपनीयता से बजट संशय में डूबा नजर आता था। 

बहरहाल साल 2018-2019 का बजट संसद में जारी कर दिया गया है। इस बजट में मुख्य रूप से सरकार ने किसान, गरीब, युवा, गृहणी, व्यापारी सभी को खुश कर दिया है। अरुण जेटली ने अपने भाषण में किसानों के लिए लागत कीमत से 50% अधिक कीमत देने की घोषणा की। 

प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में किसानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‍साल 2022 तक भारतीय किसानों की कमाई को दुगना तक बढ़ा दिया जाएगा। जैसा हर साल होता है इस साल के बजट में भी कुछ वस्तुएं सस्ती तो कुछ महंगी हो गई हैं। आइये नजर डालते हैं कल पेश हुए आम बजट की मुख्य बातों पर-

गांव गरीब और किसानों के लिए बजट में है बहुत कुछ

  • खरीफ फसलों की वास्तविक लागत का डेढ़ गुना होगा न्यूनतम समर्थन मूल्य 
  • 8 करोड़ महिलाओं को मिलेंगे गैस के कनेक्शन उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 
  • 4 करोड़ घरों का होगा विद्युतीकरण सौभाग्य योजना के अंतर्गत 
  • आलू और प्याज के पैदावार को बढ़ाने के लिए 500 करोड़ की लगत से शुरू होगा ऑपरेशन ग्रीन 
  • ओबामा केयर की तरह सरकार आयुष्मान भारत लाएगी, इसे दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम कहा गया 
  • 50 करोड़ लोगों के लिए 5-5 लाख का बीमा, नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के अंतर्गत 
  • वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य 
  • 2000 करोड़ रूपये कृषि बाजार के निर्माण हेतु 
  • 1400 करोड़ रूपये कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 
  • बनाये जाएंगे 42 मेगा फ़ूड पार्क
  • 22000 पारम्परिक ग्रामीण हाटों को कृषि बाजार के तौर पर विकसित किया जायेगा 
  • पशुपालक और मछली पकड़ने वालों को किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड देने की योजना 
  • ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ महिला समूहों को भी इस तरफ प्रोत्साहित किया जायेगा
  • मछली और पशुपालन के व्यवसाय को 10000 करोड़ रूपये आवंटित कर के ग्रामीण आमदनी बढ़ाने की कोशिश रहेगी 
  • ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए 14.34 लाख करोड़ रूपये 
  • कृषि उत्पादों के निर्यात को 100 अरब डॉलर कर करने का लक्ष्य

मध्यवर्ग के लिए मिला जुला रहा आम बजट

  • टैक्स पेयर और कंज्यूमर्स के लिए बजट कोई ख़ुशी लेकर नहीं आया
  • 40 हजार का स्टैंडर डिडक्शन दिया और 34200 की छूट वापिस ले ली
  • शिक्षा-स्वास्थ सेस 3 से बढ़ा कर 4% कर दिया गया
  • अब छूट और सेस को मिलाकर 5 लाख तक की आमदनी वाले अपने 177 रुपये बचा पाएंगे
  • होम लोन पर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई 
  • शेयर्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10% टैक्स लगाया गया
  • वरिष्ठ नागरिकों के बैंक डिपॉजिट पर ब्याज़ की रियायत को बढ़ाकर अब 50 हज़ार रुपए कर दिया गया है 
  • स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर मिलने वाली कटौती को अब बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए किये जाने की बात की गई 
  • मिला जुला कर देखा जाए तो मध्यवर्ग और करदाताओं के लिए किसी तरह की कोई सौगात ले कर नहीं आया ये बजट 

क्या हुआ महंगा और क्या हुआ सस्ता?

हर साल बजट के पश्चात लोगो में उत्सुकता इस बात को जानने में रहती है कि आखिर कौन सा सामान सत्ता हुआ और क्या महँगा हो गया है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अर्थात जीएसटी के देश भर में लागु हो जाने के बाद ऐसी कम ही चीज़े हैं जिनकी कीमत पर बजट से कोई फर्क पड़ा है। जीएसटी के आने के बाद भी कस्टम और एक्ससाइज कर  की व्यवस्था अभी भी मौजूद है, इसी कारण इनसे जुड़ी चीजों के दाम पर कुछ फर्क नहीं पड़ा है।

आइये जानते हैं किन सामानों की कीमत है बढ़ी

मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, पहले के 15% कस्टम ड्यूटी को बढ़ा कर 20% कर दिया गया है। इसके अलावा स्मार्टवॉच और वियरेबल डिवाइस के भी कस्टम ड्यूटी को 20% कर दिया गया है।

टेलीविजन के कुछ यंत्रो की कीमत पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, पहले से मौजूद 7.5% और 10% की इस दर को बढ़ाकर अब 15% कर दिया गया है। इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें महगी हो गई हैं, जैसे- सोना, चांदी, परफ्यूम, सौंदर्य प्रसाधन के सामान, चश्मे, ट्रक तथा बस के रेडियल टायर, जूते, रेशमी कपडे, एलसीडी/एलईडी टीवी पैनल और हीरे जेवरात महंगे हो गए हैं। 

इसके अलावा लग्जरी कार और कारों की मशीनरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी है। ऑलिव आयल, गद्दे, मूंगफली, पतंग, सिगरेट और खिलौने जैसे सामान महंगे हो गए हैं।

किन सामानों की कीमत में कमी आई

पेट्रोल और डीजल के एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद इनकी कीमत में दो रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है। कच्चा काजू और सोलर पैनल बनाने के काम आने वाला सोलर टेम्पर्ड ग्लास भी सस्ता हुआ है। इसके अलावा निम्नलिखित चीजों की कीमतें घटी हैं।

एलपिजी  (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस), पीओसी मशीनें, माइक्रो एटीएम, आइरिस स्कैनर, कॉक्लीअर इम्प्लांट, प्रिपेएर्ड लेदर, फिंगर स्कैनर, देश में तैयार हीरे, सौर टेंपर्ड शीशे, सिल्वर फॉयल, कच्चा माल, एक्सेसरीज की कीमतें घटी हैं। ई-टिकट पर से सर्विस टैक्स को कम किया गया है।

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