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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ना होता तो हम वंदे मातरम् के विषय में नहीं जान पाते। योगी ने कहा कि आज भी संघ द्वारा दी गई दृष्टि प्रासंगिक है।
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 10 October 2017
उन्होंने इस समारोह में कहा कि इन पुस्तकों के द्वारा कुछ लोगों से संघ के संबंध में फैलाई जाने वाली भ्रांतियों का नाश होगा। यह भी कहा कि वास्तव में संघ के पांचों पूजनीय सरसंघचालक इस राष्ट्रशरीर के पंच प्राण हैं।
योगी ने कहा कि “संघ जैसा कोई स्वयंसेवी संगठन दुनिया में नहीं है, जो बिना सरकारी सहायता के अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन दे रहा है। कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी उपस्थित थे।
संघ 1925 से स्वत: ही स्फूर्त भाव से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ाने का काम कर रहा है। हमें संघ से द्रष्टि मिली है कि हम परिवारवादी, व्यक्तिवादी, जातिवादी न बनें, किसी मत-मजहब के हो सकते हैं, पर धर्म एक है, वह है राष्ट्रधर्म ।
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योगी ने कहा कि
“पुस्तकों के द्वारा ऐसे महान व्यक्तियों के जीवन के विषय में जो समाज हेतु समर्पित थे, जानने और पहचानने का अवसर मिलेगा। देश को आरएसएस परम वैभव प्रदान कर रहा है। इन पांचों दिवंगत विभूतियों ने समाज को बहुत कुछ प्रदान किया है। जिसे अपने इतिहास का ज्ञान नहीं होता वह अपने भूगोल को भी सुरक्षित नहीं कर सकता है।"
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इस दौरान उन्होंने संघ के 5 सरसंघचालकों के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर केंद्रित पुस्तकों 'हमारे डॉ. हेडगेवार जी', 'हमारे श्री गुरुजी', 'हमारे बालासाहब देवरस', 'हमारे रज्जू भैया' एवं 'हमारे सुदर्शन जी' का लोकार्पण किया। इन किताबों का देश में 12 स्थानों पर विमोचन किया जाना है। इसकी शुरुआत लखनऊ से हुई है।
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इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हमारा आरएसएस से अटूट संबंध रहा है। ये पुस्तकें दीपावली का तोहफा हैं। पुस्तकों से बेहतर कोई उपहार नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि "मैं पुणे में आरएसएस शाखा का मुख्य शिक्षक था। संघ का उच्च नेता किसी से भी सहजता से मिल लेता है। संघ (4.1-3) के कार्यकर्ता पागलों की भांति मेहनत करते हैं। हमने कारगिल के पश्चात् शहीदों को पेट्रोल पंप देने की शुरुआत की।
अयोध्याा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 'भव्य प्रतिमा' स्थापित करने का मन बना रही है। सरकार अपने प्लान 'नव्य अयोध्याय' के अनुसार यह योजना बना रही है।
धार्मिक पर्यटन बढ़ाने कि द्रष्टि से पर्यटन विभाग के इस प्रस्ता्व को राज्यपाल राम नाईक के पास भेजा गया है। इस प्रस्ताव में सरकार के प्रतिमा की ऊंचाई 100 मीटर रखने की बात कही गई है परन्तु कई अधिकारियों के अनुसार यह अभी अंतिम नहीं है।
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